कटौती नहीं कटु फैसला: सत्तादल भाजपा का दावा

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार के लिए 25 नवंबर से पिंपरी चिंचवड़ शहरवासियों पर एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति करने का फैसला लादा जा रहा है। विपक्षी दलों समेत जहां शहरभर से इस फैसले का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। वहीं पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सत्तादल भाजपा समान जलवितरण के लिए इस फैसले के समर्थन में जुटी है। सत्तादल के नेता इस फ़ैसले को एक कटु फैसला तो मान रहे हैं लेकिन प्रशासन और मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर के सुर में सूर मिलाते हुए इसे कटौती मानने को तैयार नहीं हैं।

मंगलवार को सर्वदलीय नेताओं की बैठक के बाद मनपा आयुक्त हार्डिकर ने 25 नवंबर यानी सोमवार से शहर में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति करने की घोषणा की। इसके बाद कल सर्वसाधारण सभा में जब सत्तादल के कुछ नगरसेवकों समेत विपक्षी दलों कटौती के फैसले के लिए आयुक्त और प्रशासन की निष्क्रियता और अकार्यक्षमता को जिम्मेदार ठहराया और इसका पुरजोर विरोध किया। तब सत्तादल ने बहुमत की दादागिरी के बूते जलापूर्ति विभाग को सुधार लाने के लिए दो माह का समय देते हुए एक दिन छोड़कर जलापूर्ति करने के प्रशासन के फैसले को कायम किया।

आज तमाम मीडिया में सत्तादल पर निशाना साधा गया है, इसके बाद भी भाजपा नेताओं के तेवर बदले हुए नहीं नजर आए। महापौर राहुल जाधव ने आज अपने कार्यकाल का ब्यौरा देने के लिए बुलाये गए संवाददाता सम्मेलन में शहरवासियों को पानी न दे सकने का खेद प्रकट किया। उन्होंने इस बात का भी अफसोस जताया कि उनके कार्यकाल में शहरवासियों को जलापूर्ति करने के लिहाज से अहम मानी गई पवना पाइपलाइन योजना पूर्ण न हो सकी। जब उन्हें पूछा गया कि क्या आपको नहीं लग रहा कि आपकी आखिरी सर्वसाधारण सभा में कटौती का फैसला नहीं लिया जाना चाहिए था। तब मात्र सुधार के नाम पर उन्होंने इस फैसले का समर्थन किया। सभागृह नेता एकनाथ पवार और स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी ने तो इसे कटौती मानने से भी इंकार कर दिया। शहर की बढ़ती आबादी की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए अन्य जलस्त्रोतों पर गौर करना जरूरी है। भामा- आसखेड़, आंद्रा बांधों से पानी लाने की योजना को साकारने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाए जाएंगे, यह भी उन्होंने बताया।