हर चार में से एक को पौष्टिक भोजन नसीब नहीं

ठाणे : पुणेसमाचार ऑनलाइन – समाज के समावेशित विकास में भ्रष्टाचार मुख्य अवरोधक है। हमें सिस्टम से भ्रष्टाचार को हटाना होगा। यह विचार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य सतर्कता अधिकारी परशुराम पंडा ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के राष्ट्रीयकरण की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर ठाणे क्षेत्र के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बढ़ रही है लेकिन समाज के प्रत्येक चार व्यक्तियों में से एक को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता है।

हमारे सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार है
मूलभूत आवश्यकताएं जैसे घर, पीने का स्वच्छ पानी, शौचालय एवं वस्त्र इनकी पहुंच से बाहर हैं। श्री पंडा ने बताया कि इसका मुख्य कारण हमारे सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार है जो कि अर्थव्यवस्था के लाभ जनसाधारण तक पहुंचाने में बाधक है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसे संसद के अधिनियम द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए बनाया गया था। प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र में मुख्य सतर्कता अधिकारी, जो कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग का प्रतिनिधि होता है उसकी अगुवाई में सतर्कता विभाग कार्यरत रहता है तथा वह भ्रष्टाचार रोकने तथा भ्रष्ट कर्मियों को पकड़ने और उन्हें अनुकरणीय दंड देने का कार्य करता है। इसके पूर्व बैंक के मुंबई अंचल के फील्ड महाप्रबंधक एस। आर। खटीक ने श्री पंडा का स्वागत किया।
इस अवसर पर श्री खटीक ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तथा जनसामान्य की जीवन शैली को आरामदायक बनाने में बैंकों का बहुत बड़ा योगदान है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सतर्कता की आवश्यकता है। ठाणे क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबन्धक सतीश तलरेजा ने कहा कि श्री पंडा की पहली ही मुलाक़ात व उन्हें सुनकर ठाणे क्षेत्र के कर्मचारी काफी अभिभूत हुए हैं। श्री पंडा ने सतर्कता विभाग की कार्यशैली को बखूबी समझाया है।