दाभोलकर हत्याकांड : संजीव पुनालेकर व विक्रम भावे को 1 जून तक कस्टडी

पुणे : समाचार ऑनलाईन – नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड के सबूत मिटाने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार दक्षिणपंथी समूह ङ्गसनातन संस्थाफ के वकील एड्। संजीव पुनालेकर और उसके सहयोगी विक्रम भावे को एक जून तक सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया। दोनों को रविवार को पुणे स्थित शिवाजीनगर कोर्ट में पेश किया गया, जहां अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.एन. सोनावणे ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया।

सरकारी वकील ने कहा कि दोनों पर दाभोलकर के हत्यारोपी शरद कलसकर व सचिन अंदुरे को रेकी करने में मदद करने का आरोप भी है। दाभोलकर की हत्या में हत्यारों द्वारा इस्तेमाल बाइक हासिल करने के लिए विक्रम भावे से पूछताछ करना जरूरी है। संजीव ने दाभोलकर व गौरी लंकेश की हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल नष्ट करने में मदद की है। हमलावरों द्वारा रची गई साजिश की जानकारी उजागर करने पुनालेकर से भी पूछताछ करना आवश्यक है। इसलिए दोनों को कस्टडी में भेजा जाए।

पुनालेकर ने खुद अपना पक्ष रखा
अभियोजन पक्ष की दलीलों के बाद संजीव पुनालेकर ने कोर्ट के समक्ष खुद अपना पक्ष रखते हुए कहा शरद कलसकर 8 महीनों से पुलिस की हिरासत में है। उसके बाद तुरंत उसका बयान दर्ज किया गया। पुनालेकर ने सवाल किया कि शरद के बयान के बाद मुझे गिरफ्तार करने के लिए इतना वक्त क्यों लगा? शरद कलसकर सिर्फ मेरा मुवक्किल है और उसने जो कुछ भी किया है उसकी जिम्मेदारी मुझ पर नहीं डाली जा सकती।

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी कोर्ट द्वारा दोनों ओर की दलीलें सुनने के बाद संजीव व विक्रम को एक जून तक पुलिस कस्टडी सुनाई। सरकारी वकील ने कहा, संजीव पुनालेकर हत्या की साजिश में शामिल है। इस बीच, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के कार्यकर्ताओं ने शिवाजीनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सामने जमा होकर हत्याकांड के खिलाफ नारेबाजी की तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।

गौरतलब है कि दाभोलकर की हत्या 20 अगस्त 2013 को उस समय कर दी गई थी, जब वह सुबह की सैर पर निकले थे। सीबीआई इस मामले में पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। दाभोलकर की हत्या के पांच साल बाद अगस्त 2018 में पुलिस को पहली सफलता तब मिली, जब उसने औरंगाबाद से शूटर सचिन अंदुरे को गिरफ्तार किया। इसके बाद पालघर से शरद कलसकर को गिरफ्तार किया। इनसे की गई पूछताछ के आधार पर वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार किया गया।