‘दानवीर’ माहेश्वरी समाज को पद्मश्री रामेश्वरलाल काबराने किया ‘ये’ महत्वपुर्ण आवाहन

पुणे : समाचार ऑनलाईन – समाज में दो जाति होनी चाहिए. एक गरीब की और दूसरी गरीबों को मदद करने वाली. माहेश्वरी समाज दानवीर समाज है. समाज के जरुरतमंदों, गरीबों व बेसहारा को सभी तरह की मदद करने में माहेश्वरी समाज के कई लोग हमेशा आगे रहते हैं.

मुंकुंददास लोहिया जैसा व्यक्तित्व हम सभी के लिए प्रेरणादायी है. माहेश्वरी समाज दानवीर समाज है. इस समाज को राष्ट्र के विकास में बड़ा योगदान देना चाहिए. ये विचार उद्योगपति और समाजसेवक पद्मश्री रामेश्वरलाल काबरा ने व्यक्त किए. मुंकुंददासजी लोहिया सैनिटोरियम व अतिथि भवन के भूमि पूजन व शीलान्यास कार्यक्रम में वे बोल रहे थे.

यह कार्यक्रम माहेश्वरी चेरीटेबल फाउंडेशन (महेश सांस्कृतिक भवन) द्वारा संचालित था. अपर इंदिरानगर के महेश सांस्कृतिक भवन में आयोजित समारोह में अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के श्यामसुंदर सोनी, महाराष्ट्र प्रदेश माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष मधुसूदन गांधी, माहेश्वरी चेरीटेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष धनराज राठी, सचिव संजय चांडक, कोषाध्यक्ष श्रीप्रकाश बागड़ी, सलाहकार हीरालाल मालू, संजय बिहानी,राजेंद्र भट्टड, हरिभाऊ भुतड़ा, श्यामसुंदर कलंत्री, मदनलाल भुतडा, संतोष लड्डा, अशोक राठी, दिलीप धूत, विजयराज मुंदड़ा, भंवरलाल पुंगलिया व रामविलास तापड़िया आदि उपस्थित थे.

इस मौके पर बनने वाले अतिथि भवन के लिए योगदान करने वाले गणमान्य पुरुषोत्तम लोहिया, पुष्पलता झंवर (हैद्राबाद निवासी) , धनराज राठी सहित अन्य लोगों को सम्मानित किया गया. मुंकुंदनगर स्थित टिमवि कॉलोनी में सैनिटोरियम व अतिथि भवन और बहुद्देशीय सभागृह का भूमि पूजन किया गया. पुणे के हॉस्पिटल में इलाज, व्यक्तिगत कार्यों के लिए आने वाले लोगों को रहने की सुविधा देने हेतु यह बनाया जा रहा है. इनमें 21 सैनिटोरियम, 21 गेस्ट रूम, सस्ती कीमत पर भोजन, एसी हॉल, विशाल पार्किंग की सुविधा से युक्त 9 मंजिला बिल्डिंग होगी.

रामेश्वरलाल काबरा ने कहा कि समाज में आप खुद तक ही सीमित नहीं रहे. देश के अन्य समाज के लोगों को मदद की जरूरत है. समाज का एक भी युवक-युवति पोस्ट ग्रजुएशन से कम पढ़ा-लिखा न हो. इसका हमें ध्यान रखना चाहिए. नई पीढ़ी को दान का संस्कार देना महत्वपूर्ण है. माहेश्वरी समाज संस्कार, अर्थोपार्जन, संगठन, शिक्षा सभी में श्रेष्ठ है. इसलिए समाज को योगदान देकर आप अपने लिए काम कर रहे हैं. यह भावना रखनी चाहिए. अच्छे कार्यों के लिए पैसे कम नहीं पड़ते हैं. इसलिए इस तरह का भवन अलग-अलग जगहों पर बनें.

श्यामसुंदर सोनी ने कहा कि पुणे में शिक्षा, स्वास्थ्य व उद्योग जैसे कार्यों के लिए कई समाज के लोग आते हैं. उनकी सुविधा के लिए यह अतिथि भवन उपयुक्त रहेगा. दानवीरों के दान से बनने वाला यह भवन ऐतिहासिक होगा. इसलिए पुणे में चारों तरफ अतिथि भवन बनें. माहेश्वरी चॅरीटेबल फाउंडेशन (महेश सांस्कृतिक भवन) ने समाज को दिशा देने का काम किया है.

मधुसूदन गांधी ने कहा कि पुणे शहर दूरदृष्टि वाले लोगों का शहर है. पुणे में कई बड़े और ऐतिहासिक कार्यों का शुभारंभ होता है और इसका देशभर में संज्ञान लेते हुए ऐसे कार्य किए जाते हैं. अगर समाज के कई दानवीर लोग आगे आए तो इस तरह का सामाजिक भवन अन्य जगहों पर भी बन सकते है.

पुरुषोत्तम लोहिया ने अपने पिता की स्मृति में इस अतिथि भवन के निर्माण में योगदान दिया. उन्होंने कहा कि इसका संतोष शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. अशोक राठी ने प्रस्तावना भाषण देते हुए फाउंडेशन के कार्यों की समीक्षा की. अभय जाजू ने सूत्र संचालन किया. संजय चांडक ने आभार प्रकट किया.