विजिटिंग कार्ड वाली पुणे की कामवाली बाई

पुणे : समाचार ऑनलाइन – सोशल मीडिया पर सेंसेशन बन चुकी पुणे की कामवाली बाई की हकीकत सामने आ गई है. इसका कारण बेहद अलग और खास है. दरअसल, इस कामवाली बाई के पास अपना विजिटिंग कार्ड है. यह कार्ड ही चर्चा का विषय बन गया है. इसे लोग हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं. कुछ यूजर्स ने इसे विजिटिंग कार्ड ऑफ ईयर तक कहा है. कार्ड के वायरल होने के बाद बाई को देशभर से काम के ऑफर वाले फोन आ रहे हैं.

पुणे के बावधन इलाके की रहने वाली गीता काले घरों में काम करती हैं. उनके विजिटिंग कार्ड पर लिखा है, ‘घर काम मौसी इन बावधन. आधार कार्ड प्रमाणित.’ इसके साथ ही वो किस काम के लिए कितने पैसे लेती हैं, कार्ड पर इसका भी जिक्र किया गया है. गीता काले का विजिटिंग कार्ड भले ही रातों रात देश भर में चर्चा का विषय बन गया हो लेकिन इसके पीछे की कहानी नौकरी जाने के बाद शुरू होती है.

गीता डोमेस्टिक हेल्प का काम कर अपना परिवार चलाती हैं. एक दिन वो धनश्री शिंदे के यहां रोज की भांति काम करने पहुंचीं. उन्हें उदास और तनाव में देखकर धनश्री ने जब इस बारे में पूछा तो गीता काले ने बताया कि बगैर मेरी गलती के मुझे एक जगह काम से निकाल दिया गया है. डिजिटल मार्केटिंग के पेशे में रही धनश्री ने गीता की मदद करने की सोची. उनके दिमाग में गीता के लिए विजिटिंग कार्ड बनवाने का विचार आया. उन्होंने इसके लिए काम शुरू किया और दो दिन में कार्ड बनकर आ गया. धनश्री ने गीता से इस कार्ड को सोसायटी के गार्ड्स को बांटने को कहा. वहीं उन्होंने इसे अपने वॉट्सऐप ग्रुप में भी शेयर कर दिया. देखते ही देखते यह कार्ड इंटरनेट पर वायरल हो गया. काम देने के लिए इतने कॉल आ रहे हैं कि गीता काले ने तंग आकर अपना मोबाइल फोन ही बंद कर दिया.