फिर एक बार भारी तनाव की छाया में पिंपरी कैम्प!

पिंपरी। समाचार ऑनलाईन (संतोष मिश्रा) – होटल के बाहर हुए विवाद में हितेश मूलचंदानी नामक युवक के अपहरण के बाद उसकी निर्मम हत्या की घटना के बाद पिंपरी चिंचवड़ का मुख्य बाजार हाट माने जानेवाला पिंपरी कैम्प फिर एक बार भारी तनाव के दौर से गुजर रहा है। हालांकि इस तनाव की वजह फिर एक बार सेवा विकास को- आप. बैंक है। यूं तो हितेश मूलचंदानी हत्याकांड और सेवा विकास बैंक का कर्ज घोटाला दोनों भिन्न- भिन्न मामले हैं। मगर इन दोनों घटनाओं की आड़ में पिंपरी कैम्प के आसवानी और मूलचंदानी परिवार और उनके समर्थक अपनी रंजिश भुनाने में जुटे हैं। अब सेवा विकास बैंक में कथित 238 करोड़ रुपए के कर्ज घोटाले को आधार बनाकर दोनों गुट एक- दूसरे के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे है। आसवानी गुट ने 20 अगस्त को बैंक की पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों में रही सभी शाखाओं के बाहर धरना आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं मूलचंदानी गुट ने बैंक कर्मचारियों को आगे कर बैंक की बदनामी करनेवाले आसवानी के घरों के बाहर 18 अगस्त को आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

आसवानी-मूलचंदानी परिवारों की रंजिश

पिंपरी कैम्प में सेवा विकास बैंक के चैयरमैन, भूतपूर्व उपमहापौर एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता एड अमर मूलचंदानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक व भूतपूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष हीरानन्द उर्फ डब्बू आसवानी व उनके परिवारों के बीच पुरानी रंजिश है। 15 साल पहले आसवानी ने मूलचंदानी को पिंपरी चिंचवड़ मनपा चुनाव में हराकर उनके राजनीतिक करियर पर सवाल लगा दिया। वहीं मूलचंदानी ने अपनी कूटनीति से आसवानी परिवार से सेवा विकास बैंक जोकि पिंपरी चिंचवड़ के व्यापारियों की तिजोरी समझी जाती है, की सत्ता छीन ली। तब से इन परिवारों और उनके समर्थकों के बीच की रंजिश और गहरी हो गई है। तकरीबन डेढ़- दो माह पहले आसवानी गुट ने सेवा विकास बैंक में करीबन सौ करोड़ रुपए के वाहन कर्ज का घोटाला उजागर कर मूलचंदानी गुट की दिक्कतें बढ़ा दी। तब दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ आंदोलन की ‘ढोसबाजी’ की थी जिससे पिंपरी कैम्प में भारी तनाव की स्थिति बनी रही। हालांकि तब पुलिस के हस्तक्षेप से बात आगे नहीं बढ़ी।

हितेश मूलचंदानी हत्याकांड पर भी सियासत

इस बीच पिंपरी स्टेशन के पास आसवानी के करीबी रिश्तेदार के कुणाल होटल के बाहर हुए विवाद में हितेश मूलचंदानी नामक युवक को अगवा कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। इस मामले के सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मगर मूलचंदानी गुट सोशल मीडिया औऱ पूरे कैम्प परिसर में आसवानी परिवार को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते रहा। उनका कहना है कि, आसवानी के करीबियों के होटल तड़के तक शुरू रहते हैं इसलिए इस तरह की वारदातें होती है। हाल ही में आसवानी गुट ने उनके परिवार की बदनामी करने औऱ हितेश मूलचंदानी के पिता को आसवानी के खिलाफ बयान देने को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए शिवसेना विधायक एड गौतम चाबुकस्वार और मूलचंदानी गुट के समर्थकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरपीआई के नेता सुरेश निकालजे भी शामिल हैं। उन्होंने आसवानी के खिलाफ उनकी बदनामी करने को लेकर एट्रोसिटी के तहत मामला दर्ज करने की मांग पिंपरी पुलिस से की है।

बैंक बचाओ की आड़ में निभा रहे दुश्मनी

अभी यह मामला ठंडा नहीं हुआ कि आसवानी गुट की तरकश से फिर एक बार आंदोलन का तीर निकला है। सेवा विकास बैंक में 238 करोड़ रुपए का कर्ज घोटाला हाल ही उजागर हुआ है। इस बारे में पिंपरी पुलिस ने बैंक के निदेशक मंडल और प्रबंधन के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। पुलिस की जांच में घोटाले की बात साबित हुई है, खुद सहकारिता विभाग के लेखापरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। बैंक में जमा लोगों की जमापूंजी और बैंक को बचाने एवं घोटालेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इसके लिए आसवानी गुट ने पुलिस आयुक्त को एक पत्र देकर 20 अगस्त को बैंक की सभी शाखाओं के बाहर धरना आंदोलन की परमिशन मांगी है। इस मूलचंदानी गुट ने भी तुरंत पलटवार करते हुए आसवानी और बैंक के खिलाफ शिकायत कर बदनामी करनेवालों के घरों के बाहर धरना आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके लिए इस गुट ने बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को आगे किया है। उन्होंने भी पुलिस आयुक्त को एक पत्र भेजकर 18 अगस्त को धरना आंदोलन की परमिशन मांगी है। दोनों गुटों को आंदोलन की परमिशन मिलेगी या नहीं, आंदोलन होंगे या नहीं? यह तो नहीं पता मगर आंदोलन की ‘ढोसबाजी’ से पूरे पिंपरी कैम्प में फिर एक बार भारी तनाव की स्थिति बनी हुई है।