चुनाव खर्च वसूलने हेतु खरीदे जा रहे हैं 15 करोड़ के डस्टबीन

पुणे : समाचार ऑनलाइन –  स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर सत्तादल भाजपा द्वारा करदाताओं के पैसों की लूट- खसोट की जा रही है। जल्दबाजी में टेंडर प्रक्रिया चलाकर 15 करोड़ रुपए के डस्टबीन खरीदने की तैयारी की गई है। जबकि प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता के चलते 16 हजार 500 डस्टबीन पहले से ही भंडार विभाग के गोदाम में धूल फांक रहे हैं। यह खुलासा करते हुए पिंपरी चिंचवड़ मनपा में शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाया कि, विधानसभा चुनाव में हुए खर्च को वसूलने के लिए स्थायी समिति ने डस्टबीन खरीदी के स्पेशल पैकेज की पेशकश की है। यही वजह है कि इस खरीददारी में स्थायी समिति सभापति और भाजपा नेताओं द्वारा विशेष रुचि ली जा रही है।

कलाटे ने आगे कहा कि, स्वच्छ भारत अभियान के तहत गीला-सूखा कचरा अलगिकरण और संकलन के लिए मनपा ने 30 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया है। इसके पहले चरण में 15 करोड़ रुपए के डस्टबीन खरीदी के टेंडर जारी किए गए हैं। इसमें नीलकमल (नवी मुंबई), वैष्णवी (अंबी, हवेली) और प्रेस्टीज (निगडी) नामक ठेकेदार कंपनियों ने हिस्सा लिया है। इसमें से प्लास्टिक उत्पादन में अग्रणी रही नीलकमल कंपनी ने टेंडर के साथ जमानत राशि ही नहीं जमा कराई। बची हुई दो कंपनियों में स्पर्धा कैसे हो सकेगी। यह टेंडर मनपा की वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया गया। कुल मिलाकर यह टेंडर प्रक्रिया पूरे संदेह के दायरे में है। इसमें सत्तादल के नेताओं और स्थायी समिति सभापति ने काफी इंटरेस्ट लिया है। इसके अलावा मनपा के भंडार विभाग के गोदाम में पहले से 16 हजार 500 डस्टबीन धूल फांक रहे हैं। अब खरीदे जा रहे डस्टबीन झुग्गी- बस्तियों में बांटे जाएंगे, ऐसा प्रशासन का कहना है। एक तरफ सोसाईटियों का कचरा उठाने से मनपा द्वारा इनकार किया जा रहा है। दूसरी ओर झुग्गी बस्तियों में मुफ्त बांटने के नाम पर खरीदी की तरफदारी की जा रही है। शहरवासियों के साथ भी सत्तादल व प्रशासन द्वारा दोगला रवैया अपनाया जा रहा है, यह आरोप भी उन्होंने लगाया है।