बैंकिंग सिस्टम में नया नियम, जब मिलेगी आंखें तभी लेनदेन होगा सक्सेस, चेहरा बनेगा पासवर्ड 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – मोदी सरकार बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड और ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार ने फ्रॉड को रोकने के लिए कुछ नए फीचर पर काम कर रही है।  डिजिटल पेमेंट सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए ओटीपी के साथ अब चेहरा और आईरिस भी पासवर्ड के रूप में इस्तेमाल होगा। बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए सरकार ने यह प्लान तैयार किया है.  चेहरा और आईरिस को पासवर्ड के रूप में इस्तेमाल करने पर साइबर फ्रॉड को रोका जा सकता है. सरकार ने डिजिटल पेमेंट के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया है. इसे  फेशियल रिकॉगनिस्शन, आइरिस और लोकेशन जैसे फीचर को जोड़ा गया है.

एक रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई ट्रांजेक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. लेकिन फ्रॉड के मामले भी तेज़ी से बढे है. इसे रोकने के लिए तमाम तरह के उपाय किये जा रहे है.

कैसे करेगा काम 

आने वाले दिनों में ओटीपी के साथ  फेशियल रिकॉगनिस्शन, आइरिस और लोकेशन को जोड़ा जाएगा।  इससे डिजिटल लेनदेन और सुरक्षित हो जयेगा। डिजिटल लेनदेन के दौरान सभी फीचर्स की ऑथेंटिकेशन के बाद ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पूरी होगी। खासकर स्मार्टफोन से लेनदेन में इसे जोड़ा जाएगा। पिछले एक साल में  18 सरकारी बैंको को करीब 1. 17 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के बारे में जाने 

इसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन पर दो लेयर पर डिटेल्स भरनी होती है. सबसे पहले ग्राहक को कार्ड डिटेल्स भरनी होती है. उसके बाद सीसीवी नंबर डालना होता है. दूसरी लेयर में ओटीपी डालना होता है जो ग्राहक के मोबाइल पर आता है।   देश में डिजिटल लेनदेन 13% सालाना की दर से बढ़ रहा है. जबकि मोबाइल वॉलेट में 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी हो रही है। 2019 में बैंकिग फ्रॉड से 71,543 करोड़ रुपए की चपत लगी थी.