सैनिकों के कल्याण के लिए नया प्रस्ताव,  सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने और पेंशन के पुनरीक्षण की योजना  

नई दिल्ली . ऑनलाइन टीम : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि  17 साल की सेवा के बाद अपेक्षाकृत कम उम्र में सेवा छोड़ने के लिए मजबूर सैनिक को प्रति माह लगभग 18,000 रुपये मिलते हैं। इससे उसे अपने परिवार, बच्चों की शिक्षा और आवास की देखभाल करनी पड़ती है।

ऐसे में उन्हें जीवनयापन के लिए दूसरी नौकरी की तलाश करनी पड़ती है। यहां तक की छोटी-मोटी नौकरी भी करना पड़ती है। हम ऐसा अवसर नहीं आने देना चाहते, इसलिए कई शाखाओं में अधिकारियों और जवानों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के उद्देश्य से अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के कल्याण के लिए नया प्रस्ताव लाया गया है।

इन प्रस्तावों में समयपूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले जवानों की पेंशन का पुनरीक्षण करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सैन्य पुलिस और लिपिकीय कर्मचारियों की सेवाओं की तरह सेवानिवृत्ति की उम्र और कुछ अन्य का विस्तार करके हम कठिन कार्यकाल के बाद सेवा देने वाले जवानों की देखभाल करने में सक्षम होंगे। सीडीएस ने कहा, हम उन्हें ऐसे समय पर सेवा से बाहर नहीं कर सकते, जिस समय उनके छोटे बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हों और उन्हें अपने परिवार की देखभाल करनी हो।

हालांकि अधिकारियों और जवानों दोनों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के प्रस्ताव और समय से पहले सेवानिवृत्ति की मांग करने वाले कर्मियों की पेंशन पात्रता में कमी वाले प्रस्ताव की कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं। इसमें सेना से निवृत्त होने वाले जवानों का समुदाय भी शामिल है।