नई दिल्ली , 22 जून : केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और मुंबई मनपा में नौकरी लगाने का झांसा देकर सुशिक्षित बेरोजगारों को करोड़ों रुपए का चुना लगाने वाले इंटर स्टेट गिरोह को हिंगोली पुलिस ने जाल बिछाकर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों दवारा पुलिस ने मंत्रालय के सचिव दर्जा और रेलवे में उच्च अधिकारियों के नाम का फ़र्ज़ी स्टैम्प, उनके फ़र्ज़ी सिग्नेचर का नियुक्ति पत्र जब्त किया है। यह जानकारी नांदेड़ परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक निसार तंबोली ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। अपराध के तार देशभर में फैले हो सकते है। इस दृष्टि से जांच जारी होने की जानकारी तंबोली ने दी है।
वसमत तालुका के टाकलगांव के पुलिस पाटिल पंडित ढवले ने को रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर आरोपियों ने 10 लाख रुपए वसूले थे। लेकिन आगे कुछ नहीं होने पर पीड़ित ने अपने पैसे वापस मांगे। इसके बाद उसे रेलवे में नौकरी लगने का फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र दिया गया। खास बात यह है कि नौकरी पर उपस्थित नहीं होने के बावजूद उसे दो महीने का वेतन दिया गया। नौकरी में नहीं होने के बावजूद वेतन मिलने पर उसे संदेह हुआ। इसके बाद उसने वसमत पुलिस से इसकी शिकायत की।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान एक बड़ा रैकेट की जानकारी सामने आई। इस दृष्टि से जांच करते हुए रवींद्र उर्फ़ दयानिधि संकुवा (नि – उड़ीसा ), ऐड. नरेंद्र विष्णुदेव प्रसाद (नि – उत्तर प्रदेश ) को नांदेड़ रेलवे स्टेशन परिसर से गिरफ्तार किया गया। दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने कई लोगों को फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र देकर साथ ठगी की है। रैकेट में शामिल बाकी आरोपी मुंबई, दिल्ली , लखनऊ में होने की दोनों ने जानकारी दी।
इस मामले में साइबर सेल की मदद लेकर पुलिस ने सतीश तुलसीराम (नि- लोहा ) और आनंद पांडुरंग कांबले (नि – अहमदनगर ) को गिरफ्तार किया है। दोनी ने कबूल किया है कि वे नांदेड़ में पुलिस भर्ती प्रशिक्षण चलाकर सुशिक्षित बेरोजगार युवकों के साथ ठगी करते थे। इसके बाद गौतम एकनाथ फनसे (नि- मुंबई ) और अभय मेघश्याम रेडकर (नि – दिल्ली ) को गिरफ्तार किया है। इस मामले से जुड़ा सातवां आरोपी संतोषकुमार सरोज को उत्तर प्रदेश के जौनपुर से गिरफ्तार किया गया है। सरोज के घर की तलाशी लेने पर वहां विभिन्न मंत्रालयों के सचिव और रेलवे के उच्च अधिकारियों के नाम का फ़र्ज़ी स्टैम्प, नियुक्ति पत्र, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का नाम लिखा लिफाफा, फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र तैयार करने के लिए लगने वाले कागजात, रेलवे के फ़र्ज़ी पहचान पत्र, कई सुशिक्षित बेरोजगारों का नियुक्ति पत्र, एटीएम कार्ड, मोबाइल और आरोपियों के बैंक अकाउंट से हुई लेनदेन पुलिस ने जब्त की है।
इस अपराध में आरोपियों दवारा इस्तेमाल किये गए 19 बैंक अकाउंट और इन अकाउंट में 11 लाख रुपए मिले है। इसके साथ ही आरोपियों के पास से 56 हज़ार रुपए कैश, 8 लाख की कार और 50 हज़ार रुपए के मोबाइल जब्त किया गया है। आरोपियों से पिछले दस साल में महाराष्ट्र सहित उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में सुशिक्षित बेरोजगारों के साथ ठगी कर करोड़ों रुपए का चुना लगाया है।