परमबीर सिंग पर नया आरोप, क्रिकेट सट्टेबाज ने दर्ज कराया जवाब

मुंबई: ऑनलाइन टीम- मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंग की परेशानी दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है। दो दिन पहले मुंबई उच्च न्यायालय की ओर से तत्काल दिलासा मिलने के बाद आज एक बार फिर से परमबीर सिंग पर नया आरोप लगाया गया है।

क्रिकेट सट्टेबाज सोनू जालान ने यह आरोप लगाया है। सोनू ने खुद सीआईडी के पास जाकर अपना जवाब दर्ज कराया है। इस संदर्भ में मंगलवार को जानकारी दी गई।

सीआईडी के पास दर्ज कराए गए जवाब के अनुसार किसी बड़े प्रकरण में अगर गिरफ्तारी को टालना हो तो पूर्व पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा को 10 करोड़ रुपये दे, ऐसा परमबीर सिंग ने मुझे कहा था।

इस मामले में परमबीर सिंग और प्रदीप शर्मा ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। जालान ने परमबीर सिंग, प्रदीप शर्मा और पुलिस निरीक्षक राजकुमार पर वसूली का अरोप लगाया है। इन आरोपो की जांच सीबीआई कर रही है।

जालान ने अपने बयान में सीआईडी अधिकारियों को बताया कि उसे मई 2018 में एक सट्टेबाजी प्रकरण में ठाणे पुलिस के एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें ठाणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पास ले जाया गया।

जालान ने आगे दावा किया कि सिंह ने मुझ से भारत में सक्रिय क्रिकेट सट्टेबाजों के बारे में पूछा था। साथ ही मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को किसी बड़े मामले में गिरफ्तार करने की भी धमकी दी। इसलिए गिरफ्तारी से बचना है तो प्रदीप शर्मा को 10 करोड़ रुपये देने को कहा था।

सिंह को दो दिन पहले मुंबई हाईकोर्ट से मिली राहत

24 मई को मुंबई हाई कोर्ट ने परमबीर सिंह को राहत दी थी। परमबीर सिंह को 9 जून तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। मुंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार आधी रात के करीब राज्य सरकार को परमबीर सिंग को 24 मई तक गिरफ्तार नहीं करने का अंतरिम आदेश दिया था। एट्रॉसिटी के तहत दर्ज अपराध में सिंग को बड़ी राहत मिली है।

परमबीर सिंग को जांच यंत्रणा को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया जाए, यह अनुरोध राज्य सरकार ने मुंबई उच्च न्यायालय में किया। साथ ही 9 जून तक गिरफ्तार न करने की गवाही राज्य सरकार ने अदालत में दिया। न्यायमूर्ती एस.एस शिंदे और न्यायमूर्ति नितीन बोरकर की अदालत के सामने ऑनलाइन सुनवाई हुई।