आयुर्वेद में नया रिसर्च होने की जरूरत: हणमंतराव गायकवाड

पुणे : समाचार ऑनलाइन – आयुर्वेद में बड़े से बड़े रोगों को ठीक करने की क्षमता है। जिसमें मूलव्याध, कर्करोग, एसिडिटी आदि जैसे रोग पीढ़ी दर पीढ़ी मरीजों से बनी रहती है। उसे तक आयुर्वेद में ठीक करने की क्षमता है। वैद्य हरिश पाटणकर की संकल्पना से बीव्हीजी इंडिया के सहकार्या से ‘केशार्युवेद’ इन भारत की पहली आयुर्वेदिय हेअर टेस्टिंग लॅब और संशोधन केंद्र की तरफ से ‘इनोव्हेटिव्ह आयुर्वेद’ पर कार्यक्रम का आयोजन किया था| इस दौरान बीव्हीजी इंडिया के उपाध्यक्ष डॉ. दत्ताजी गायकवाड, लायन्स क्लब के श्रीराम भालेराव,डॉ. स्नेहल पाटणकर, वैद्य हरिश पाटणकर आदि उपस्थित थे।

भारत विकास ग्रुप इंडिया (बीव्हीजी) के अध्यक्ष हणमंतराव गायकवाड ने कहा कि वो तीन लाख लोगों से मिल चुके है। ये सारे लोग आयुर्वेद तरिके से ईलाज करते है। उनका इलाज पद्धति देकर वो हैरान है। आगे उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में नया संशोधन हुआ तो आरोग्य क्षेत्र में बडी क्रांती हो सकती है| आगे उन्होंने कहा कि शास्त्र में समृद्ध आयुर्वेद संशोधन के माध्यम से लोकाभिमुख करना जरुरी है। लोगों ने आरोग्य के लिए उसका उपयोग होना चाहिए इस लिए नयी संकल्पना लाकर आयुर्वेद स्वस्त और परिणामकारक करना जरुरी है।

इस अवसर पर डॉ. स्नेहल पाटणकर ने आयुर्वेद से बालों के समस्या से लड़ने की बात कही। साथ ही वैद्य हरीश पाटणकर ने कहा कि आयुर्वेद यह व्यापक आरोग्यशास्त्र है और पांच हजार वर्ष की परंपरा आयुर्वेद की है।