Nawab Malik | क्या रश्मि शुक्ला को मुख्यमंत्री से फोन टैपिंग की इजाजत मिली थी ? नवाब मलिक ने पूछा सवाल

मुंबई (Mumbai News) – Nawab Malik | आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) ने बुधवार को उच्च न्यायालय (High Court) में एक मुकदमा दायर कर आरोप लगाया था कि पुलिस तबादलों और नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार (State Government) की मंजूरी के बाद ही कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तियों की फोन टैपिंग (phone tapping) की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

इस बीच एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अगर रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) ने अनुमति लेकर नेताओं के फोन टैप किए होते तो क्या उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री से अनुमति मिली थी? यह सवाल नवाब मलिक (Nawab Malik) ने पूछा है। रश्मि शुक्ला के वकीलों ने कोर्ट को बताया है कि उन्होंने सरकारी अनुमति से फोन टैप किया था। हालांकि नवाब मलिक ने यह भी आरोप लगाया है कि फोन टैपिंग के लिए गुमराह कर अनुमति ली गई है। नवाब मलिक ने यह भी कहा कि रश्मि शुक्ला ने देशद्रोह और देशद्रोह की आड़ में नेताओं के फोन टैप (phone tapping) करने की इजाजत ली थी।

रश्मि शुक्ला पर पहले से ही पुणे के पुलिस आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सांसदों और नेताओं के फोन टैप करने का आरोप लगाया जा चुका है। नवाब मलिक (Nawab Malik) ने यह भी स्पष्ट किया कि वे किस तरीके से कह रहे हैं कि उनका तबादला कर दिया गया है लेकिन ऐसा नहीं किया गया था।

शुक्ला ने ‘फोन टैपिंग’ के लिए तत्कालिन अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे (Sitaram Kunte) से अनुमति मांगी थी। कुंटे ने इस संबंध में सौंपी गई रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था।

उन्होंने सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में भी अनुमति का जिक्र किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने अदालत को गुमराह किया, ऐसा दावा शुक्ला ने अदालत में किया है।

 

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