मुंबई पर कब्ज़ा ज़माने के लिए राष्ट्रवादी जुट गई काम में , रोहित पवार के पास जिम्मेदारी

मुंबई, 24 नवंबर मुंबई मनपा चुनाव के लिए सबसे पहले काम में जुट गई कोई पार्टी है तो वह है राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी।  महाविकास आघाडी सरकार के गठन के बाद  मार्च महीने में  पदाधिकारी सम्मेलन का आयोजन कर राष्ट्रवादी ने अपने मनसूबे साफ किये।  मुंबई में अपने कमजोर संगठन को समझते हुए पार्टी नेतृत्व ने इसका कसर राज्य में सत्ता के दम पर पूरा करने के लिए कमर कस लिया है।

मुंबई में राष्ट्रवादी की ताकत बढाने की बात खुद शरद पवार कई कार्यकर्ता सम्मेलन में कह चुके है।  लेकिन पहले से सीमित ताकत वाली राष्ट्रवादी गुटों की राजनीति से बाहर नहीं आ पाई।  एक वक़्त मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सचिन अहिर ने चुनाव से पहले शिवसेना में चले गए।   जबकि संजय दीना पाटिल अपने में रहने की वजह से नवाब मलिक से खुद को आगे नहीं कर पाए।
जबकि उत्तर मुंबई में अकेले राष्ट्रवादी की ताकत बने प्रकाश सुर्वे ने शिवसेना के भगवा कंधे का सहारा लेकर दूसरी बार विधायक बने।  विभिन्न दलों से आये नेताओं की वजह से राष्ट्रवादी मुंबई में भटक गई।  अपने क्षेत्र में वर्चस्व वाले इन नेताओं ने कभी भी पार्टी के रूप में एकजुट छाप नहीं छोड़ी। इसलिए स्थानीय पदाधिकारी के जरिये लोकप्रिय काम हाथ में लेने की व्यवस्था की गई।  इसके जरिये राष्ट्रवादी का जनाधार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य की सत्ता का इस्तेमाल कर विस्तार करने की राष्ट्रवादी की योजना कितना सफल होगा, इसे लेकर तर्क वितर्क जारी है।  फ़िलहाल अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक के पास मुंबई अध्यक्ष पद है।  मंत्री पद और अध्यक्ष पद का उचित इस्तेमाल करने की पॉलिसी कितनी सफल रहती है यह आने वाले समय में पता चलेगा।
मलिक ने सम्मेलन की शुरुआत की थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे रोकना पड़ा था।  लेकिन सुप्रिया सुले और रोहित पवार के पास मनपा चुनाव की जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा हो रही है।  ऐसे में शह-मात की राजनीति से खेल बिगड़ तो नहीं जाएगा।  इस तरह का अंदेशा पार्टी के लोगों दवारा व्यक्त की जा रही है।  किसी तरह से 9 नगरसेवक वाली एनसीपी मुंबई में सबसे बड़ी पार्टी बनने के सपने को आज की दृष्टि से कठिन माना जा रहा है।
रोहित के पास जिम्मेदारी 
नेताओं में सत्ता संघर्ष का असर मुंबई में नज़र आने लगा है।  मलिक  दवारा मार्च महीने में आयोजित की गई सम्मेलन में अजीत पवार की छाप थी। अब सुप्रिया सुले और रोहित पवार को चुनाव की जिम्मेदारी दिए जाने  की चर्चा शुरू है।