लव जिहाद पर खुलकर बोले नसीरुद्दीन शाह, कहा- किसी का धर्म परिवर्तन कराना बिल्कुल गलत

मुंबई. ऑनलाइन टीम : लव जिहाद का जुमला हमारे राष्ट्रीय विमर्श में तेजी से अपनी जगह बनाता जा रहा है। इसका कारण तथाकथित लव जिहाद को लेकर रह-रहकर होने वाली घटनाएं हैं। केरल की लड़की हदिया के मामले को भी लव जिहाद की मिसाल बताया जाता है, जहां उसे मुस्लिम युवक से शादी के लिए धर्मांतरण करना पड़ा। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। अब तमाम गैर-मुस्लिम परिवार लव जिहाद को लेकर चिंतित हुए जा रहे हैं।

अपनी बेबाकी के लिए ख्यात अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने ‘लव जिहाद’ पर खुलकर बोला है। उन्होंने कहा कि दरअसल, लव जिहाद के नाम पर हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाई जा रही है।  जिन लोगों ने यह शब्द गढ़ा है, उन्हें जिहाद शब्द का मतलब ही नहीं पता है। मुझे समझ में नहीं आता है कि कोई इतना मूर्ख कैसे हो सकता है कि यह सोच ले कि भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी।’

मैं मुस्लिम युवाओं से यही कहूंगा कि अगर वे गैर-मुस्लिम लड़कियों से वास्तव में प्रेम करते हैं तो उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए बाध्य न करें। यदि आप गैर-मुस्लिम लड़की को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करते हैं तो फिर यह प्रेम नहीं है। लव जिहाद को तमाशा बताते हुए कहा है कि अंतर्धामिक शादियों को हतोत्साहित करने के लिए ऐसी बातें उछाली जाती हैं।  इसके लिए नसीर ने खुद रत्ना पाठक के साथ अपनी शादी का ही उदाहरण दिया है। कहा, ‘हमने अपने बच्चों को हर धर्म के बारे में जानकारी दी है, मगर हमने उनसे कभी नहीं कहा कि उनका किसी खास धर्म से संबंध है।

मेरी राय में प्रेम एक अनूठी और पवित्र अनुभूति है। जब हम किसी को प्रेम करते हैं तो एक इंसान के तौर पर यह हमारा दर्जा बढ़ा देता है। यह हमारे जीवन को सार्थक बनाता है। यदि आप विवाह के लिए इस्लाम या किसी अन्य धर्म को अपनाते हैं तो यह प्रेम नहीं, बल्कि आपकी आत्मा को उस धर्म का दास बनाने जैसा है। नसीरुद्दीन शाह ने बताया कि मैंने अपनी मां से साफ मना कर दिया था कि रत्ना पाठक शादी के बाद अपना धर्म नहीं बदलेंगी। नसीर ने बताया, ‘मेरी मां बिना पढ़ी-लिखी थीं, एक रूढ़िवादी परिवार में पली-बढ़ीं, दिन में पांच बार नमाज पढ़ती थीं, पूरी जिंदगी उन्होंने रोजे रखे, हज के लिए भी गईं। उन्होंने कहा था- जो बातें हमने बचपन से तुम्हें सिखाई हैं, वह कैसे बदल गईं? किसी का धर्म परिवर्तन करना बिल्कुल गलत है।’