Nandurbar Police | पुलिस की वर्दी में मानवता के दर्शन! बुजुर्ग के पैसे चोरी हो गए, पुलिस अधीक्षक ने पुलिसकर्मियों की मदद से पैसे जमा कर लौटाए

नंदुरबार : Nandurbar Police |  मानवता के दर्शन कब और कहाँ हो जाए यह कहा नहीं जा सकता है। पुलिस के बारे में लोग अलग-अलग धारणाएं बनाते हैं, किसी को पुलिस से डर लगता है तो कोई पुलिस को रिश्वत्खोर समझता है, लेकिन फिर भी पुलिस अपने कर्तव्य निर्वाह से पीछे नहीं हटते हैं। इसी तरह की एक घटना नंदुरबार (Nandurbar) में हुई है। नंदुरबार के शहादा (Shahada Police Station) तालुके के 75 वर्षीय पदम हारचंद कोली (Padam Harchand Koli) की बुजुर्ग पत्नी की मौत कोरोना (corona) के कारण दूसरी लहर में हो गई। बैंक से सरकारी योजना (Government scheme) की रकम निकालकर प्रकाशा में एक टपरी पर पानी पीने के लिए रुके, तभी चोरों ने 50 हजार रुपये पर हाथ साफ कर दिया। 50 हजार रुपये चोरी होने के बाद वृद्ध का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। उनका वीडियो वायरल (Video goes viral) हो गया और खबरे भी छपी। उसके बाद नांदुरबार (Nandurbar Police) जिला के पुलिस अधीक्षक पी आर पाटिल (Superintendent of Police P. R. Patil) ने मानवता दिखाते हुए इस बुजुर्ग की मदद की। पुलिस दल ने पैसे जमा कर उस बुजुर्ग को दिया।

पदम हारचंद कोली (75 वर्ष नि. डामरखेडा, ता. शहादा) संजय गांधी निराधार योजना (Sanjay Gandhi Niradhar Yojana) की मदद पर निर्भर हैं। उनकी पत्नी की कोरोना की वजह से मौत हो गई। इलाज में खर्च की वजह से उनके पास बिल्कुल भी पैसे नहीं बचे। इन सभी घटनाओं की वजह से उनके दुनिया ही खत्म हो गई। पत्नी कोरोना से बाहर नहीं आई, साथ छोड़कर चली गै। वृद्धावस्था के कारण जिंदगी गुजारना मुश्किल हो गया।

पत्नी की मौत के बाद पैसे को मोहताज हुए वृद्ध को सरकारी योजना से 50 हजार रुपये मंजूर हुए। जैसे ही उनको इस बारे में पता चला वैसे ही वो प्रकाशा स्थित स्टेट बैंक (state bank) में गए। वहां से 50 हजार रुपये निकाले । पैसे का बैग लेते ही पत्नी की याद में उनकी आंखे नम हो गई। घर लौटते समय उनका गला सूख रहा था, पानी पीने के लिए एक टपरी पर रुके। वहां पैसे चोरी हो गए। उसके बाद अपनी किस्मत को दोष देते हुए वो आगे बढ़ गए।

 

इस बारे में आज समाचार पत्र में खबर आई। उसके बाद नांदुरबार के पुलिस अधीक्षक ने अपने सामने पेश करने का आदेश शहादा पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक दीपक बुधवंत (Police Inspector Deepak Budhwant) को दिया। उसके बाद तत्काल शहादा पुलिस स्टेशन की पुलिस की गाड़ी से उन्हें पुलिस अधीक्षक कार्यालय लाया गया। लेकिन कल जो झटका उनको लगा था वो अभी तक उससे उबरे नहीं थे। पुलिस स्टेशन में क्या शिकायत दर्ज हुई, ऐसा क्या हुआ कि सीधा एसपी ने ही बुला लिया, यह सब सोचकर वो और डर गए।

एसपी कार्यालय पहुंचने के बाद जो झटका उनको लगा वो बहुत ही शानदार था। पुलिस अधीक्षक ने 50 हजार रुपये उनके हाथ में रखे। आपके खोए हुए पैसे हम ढूंढकर देंगे, लेकिन मेरे सहयोगी पुलिस ने आपके लिए पैसे जमा किए हैं, इसे आप स्वीकार करें, अधीक्षक ने विनती की। पुलिस द्वारा मानवता की भावना से जमा किए पैसे को लेते समय वो फूट-फूटकर रो पड़े।

नंदुरबार के पुलिस अधीक्षक पीआर पाटिल की अवधारणा से अपर पुलिस अधीक्षक विजय पवार, शहादा के उप पुलिस अधीक्षक श्रीकांत घुमरे, एलसीबी. पुलिस निरीक्षक रवींद्र कलामकर, पुलिस निरीक्षक दीपक बुधवंत, पाठक अर्जुन पटले और पुलिस कर्मियों ने वृद्ध की मदद की और उसे पुलिस की मानवता से रूबरू कराया। “मैं अब चार दिन ज्यादा जीवित रहूंगा”, यह कहते हुए 75 वर्षीय बुजुर्ग शहादा पुलिस थाने की गाड़ी में खुद जाकर बैठ गए। लेकिन इस बार उनके चेहरे पर खुशी थी! नंदुरबार पुलिस भी नम आंखों से उनकी खुशी में शामिल हो गई।

 

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