मराठा आरक्षण पर नाना पटोले Vs देवेंद्र फडणवीस, दोनों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप  

मुंबई : ऑनलाइन टीम – मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने बीजेपी को घेरा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ओबीसी समुदाय के राजनीतिक आरक्षण को खत्म कर दिया है, जिसके लिए पूरी भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। बार-बार अदालत में पेश होने के बावजूद केंद्र सरकार ने ओबीसी की जनगणना के आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए।

इस पर विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश को पढ़ा। चाहे कुछ भी हो जाए, इस सरकार में केवल केंद्र सरकार और पिछली सरकार आती है। देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाविकास अघाड़ी सरकार के नेताओं की आलोचना करते हुए ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को समझाने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा कि जब ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाया जा रहा था तो मंत्री मार्च कर रहे थे। यदि राज्य ने कहा होता कि वह पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर रहा है और डेटा एकत्र कर रहा है तो निर्णय शायद कुछ और होता। हालांकि, राज्य सरकार पिछले 15 महीने से खामोश है। पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन के अलावा कुछ मंत्री सिर्फ रैलियां कर रहे थे, फडणवीस ने इस पर भी आलोचना की है।

केवल राज्य सरकार की अस्वीकृति के लिए जिम्मेदार स्थानीय निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण के तहत आरक्षित सीटों पर पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार की याचिका को खारिज करना अक्षम्य लापरवाही और महाविकास अघाड़ी सरकार की अनिच्छा के कारण है। ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को लेकर महाविकास अघाड़ी सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।

सरकार ने केवल 15 महीनों में कम से कम आठ बार तारीखें मांगीं, जबकि सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा था। वहीं, एक सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि राज्य सरकार को शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन और शाही आंकड़ों का संकलन कर आरक्षण को जायज ठहराना होगा। लेकिन, उसके बाद भी सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इधर नाना पटोले ने आरोप लगाया कि ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण का मुद्दा अदालत में लंबित था, अदालत ने केंद्र से ओबीसी की सही आबादी के लिए कहा था, लेकिन केंद्र ने इसे प्रदान नहीं किया। यह निर्णय 1931 की आबादी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की चाल ओबीसी समुदाय को राजनीतिक व्यवस्था से वंचित करने की है।

अन्य पिछड़े वर्गों को संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक अधिकार दिए गए हैं। लेकिन, जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, ओबीसी के साथ जानबूझकर गलत व्यवहार किया गया है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस इस तथ्य से अवगत हैं। फडणवीस की आलोचना करते हुए पटोले ने यह भी गंभीर आरोप लगाया था कि फडणवीस ने अपने कार्यकाल के दौरान समानांतर आरक्षण का फैसला किया था और ओबीसी के रिक्त पदों को नहीं भरा था, इसलिए यह स्पष्ट था कि वे ओबीसी के आरक्षण को समाप्त करना चाहते थे।