पुलिस अधिकारी से जूता मांगने वाले नगालैंड के लोकायुक्त को आखिरकार देना पड़ा इस्तीफा

कोहिमा. ऑनलाइन टीम  नगालैंड के लोकायुक्त जस्टिस उमा नाथ सिंह  ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने लोकायुक्त की अपील को स्वीकार करते हुए उन्हें पद से इस्तीफा देने की मंजूरी दी। साथ ही सु्प्रीम कोर्ट ने नगालैंड सरकार को भी इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से मंजूर करने का निर्देश दिया।

दरअसल, नगालैंड सरकार ने  लोकायुक्त के कामकाज पर सवाल खड़ा किया था। प्रदेश सरकार ने कहा था कि वह लोकायुक्त की ‘असंगत और मनचाही’ मांगों से तंग आ गई है। स्थिति यहां तक पहुंची कि प्रदेश की सरकार ने पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट से लोकायुक्त की समस्त शक्तियां  छीन लेने का आग्रह भी किया। इधर, प्रदेश सरकार के विरोध को देखते हुए लोकायुक्त दिल्ली से ही काम-काज संभाल रहे थे।

देखा जाए तो टकलार की स्थिति तब गंभीर मोड़ पर पहुंची, जब लोकायुक्त ने रहने के लिए मुख्यमंत्री के पुराने बंगले की मांग कर दी। इसके अलावा लोकायुक्त ने कोहिमा के पुलिस कमिश्नर से हर बार उन्हें एयरपोर्ट से लेने और छोड़ने जाने को कहा था।  सुरक्षा के लिए सेना के जवान भी नियुक्त करने की मांग की थी। और तो और,  उनकी यह भी मंशा रही कि सरकारी वेबसाइटों पर मुख्यमंत्री और गवर्नर के साथ उनका भी फोटो लगाया जाए। कहा तो यहां तक जाता है कि एक बार उन्होंने एक सीनियर पुलिस अधिकारी से अपने लिए जूता खरीदकर लाने को भी कहा था, जबकि नियमानुसार लोकायुक्त को उसके संवैधानिक पद के दायित्वों के अलावा कुछ और करने की साफ मनाही है।

बता दें कि फरवरी 2019 में नगालैंड के लोकायुक्त का पदभार संभालने वाले रिटायर्ड जज उमा नाथ सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील विकास सिंह ने निवेदन किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।