मुजफ्फरपुर : SKMCH के पीछे वन विभाग की जमीन में मिले नरकंकाल के अवशेष

मुजफ्फरपुर : समाचार ऑनलाईन –  जिले के सबसे बड़े अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के पीछे वन विभाग की जमीन पर मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया है. मीडिया में खबर आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं. वहीं, चिकित्सक की टीम मौके पर पहुंच कर मामले की जांच की.

इसी अस्पताल में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से अभी तक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है. मानव शरीर के अवशेष मिलने के बाद अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट एसके शाही ने कहा, पोस्टमॉर्टम विभाग प्राचार्य के अधीन आता है, लेकिन इसमें मानवीय संवेदनाओं को ध्यान रखना चाहिए. मैं प्रिंसिपल से बात करूंगा और उन्हें इस मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बनाने के लिए कहूंगा.

जानकारी के मुताबिक, जिले के सबसे बड़े अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीछे वन विभाग की जमीन पर मानव कंकाल के अवशेष मिलने से अस्पताल प्रशासन समेत जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. मीडिया में खबर आने के बाद एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ एसके शाही ने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है. प्राचार्य और अधीक्षक की टीम संयुक्त रूप से  मामले की जांच करेगी. मामले को लेकर अधीक्षक ने ही उन्होंने कहा है कि, मपोस्टमॉर्टम विभाग प्राचार्य के अधीन है, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए मैं प्रधानाचार्य से बात करूंगा और उनसे एक जांच समिति गठित करने के लिए कहूंगा.फ वहीं, एसकेएमसीएच के एफएमटी विभाग के चिकित्सक डॉ विपिन कुमार ने कहा है कि, मकंकाल के अवशेष यहां मिले हैं. प्रिंसिपल द्वारा विस्तृत जानकारी दी जायेगी.फ वहीं, अधीक्षक के कहने पर तीन कर्मियों के साथ वे झाड़ियों के पास पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के लापरवाही पूर्ण रवैये के कारण बिहार में हालात सुधर नहीं रहे और एईएस की वजह से गरीब बच्चों की मौत हो रही है. चौधरी ने यह भी कहा कि बिहार में रोगियों और डॉक्टरों का अनुपात भी बहुत कम है.

क्या है मामला?
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ एसके शाही के मुताबिक, यह बिल्कुल अमानवीय है. मिली जानकारी के मुताबिक, अज्ञात शव की अंत्येष्टि के लिए सरकार की ओर से 2000 रुपये दिये जाते हैं. इसके बावजूद श्मशान में शवों की अंत्येष्टि नहीं करके अस्पताल के पीछे ही अंत्येष्टि कर दी जा रही है. इसके लिए आसपास की लकड़ियों से ही शवों को जलाने की बात कही जा रही है. मालूम हो कि एसकेएमसीएच में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से सौ से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री समेत कई लोग एसकेएमसीएच का दौरा कर चुके हैं. इसके बावजूद अस्पताल परिसर के पीछे वन विभाग की जमीन पर अज्ञात शवों की अंत्येष्टि किये जाने की सूचना मिली. इसके बाद अस्पताल प्रशासन समेत प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है.