नाशिक, 20 जुलाई : Mumbai High Court | एंड. अनिकेत उज्जवल निकम (adv. Aniket Ujjwal Nikam) दवारा कोर्ट (Mumbai High Court) में दी गई दलील के बाद आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा पाए तीन लोगों को निर्दोष घोषित कर दिया गया है. नाशिक सेशन कोर्ट ने हत्या (murder) के केस में तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ आरोपियों ने मुंबई हाई कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट में ऐड. अनिकेत उज्जवल निकम दवारा दी गई दलील को ध्यान में रखते हुए मुंबई हाई कोर्ट ने तीनों को निर्दोष घोषित कर दिया है।
क्या है मामला
28 मार्च 2017 को कृष्णा नागे (नि – नाशिक रोड) की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पवन बोरसे, अंकुश नाठे व अन्य आरोपी के खिलाफ नाशिक रोड पुलिस स्टेशन (Nashik Road Police Station) में केस दर्ज कराया गया था। अप्रैल 2018 में नाशिक सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरोपियों ने इसके खिलाफ मुंबई हाई कोर्ट में अपील की थी. ऐड, अनिकेत उज्जवल निकम ने अंकुश नाठे व पवन बोरसे का पक्ष हाई कोर्ट में रखा था।
ऐड. अनिकेत निकम की दलील
उन्होंने कोर्ट में कहा कि आरोपियों के खिलाफ जो सबूत है वह परिस्थितिजन्य सबूत है व जांच एजेंसियों दवारा जुटाए गए सबूत से यह पता नहीं चलता है कि आरोपियों ने अपराध किया है। कृष्णा नागे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण थी। लेकिन आरोपियों और कृष्णा नागे के बीच कोई दुश्मनी नहीं थी। इसलिए उसे मारने की कोई वजह आरोपियों के पास नहीं थी।
सरकारी वकील की दलील
सरकारी वकील शिंदे ने कोर्ट में दलील दी कि आरोपियों को दी गई सजा कम हैं। उनके खिलाफ सभी सबूत होने की वजह से सेशन कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस पर ऐड. अनिकेत निकम ने दलील दी, पुरे मामले में कोई भी पहले देखने वाला चश्मदीद नहीं है और केस परिस्थितिजन्य सबूतों पर आधारित है. परिस्थितिजन्य सबूतों को सेशन कोर्ट ने अनुचित रूप से इतना महत्व दिया है। उन्होंने सुप्रीम और हाई कोर्ट दवारा सुनाये गए कई फैसलों का जिक्र कोर्ट में किया। साथ ही कोर्ट के ध्यान में ये भी लाया कि परिस्थितिजन्य सबूतों से अपराध सिद्ध नहीं हो रहा है. ऐसे में आरोपी नाठे व बोरसे को साजिश रच कर हत्या करने के मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
कोर्ट दवारा आरोपी निर्दोष करार
न्यायमूर्ति साधना जाधव और न्यायमूर्ति नितिन बोरकर की दो सदस्यीय खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। 16 जुलाई 2021 को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पेश किये गए सबूत से अपराध साबित नहीं होता है। ऐसी स्थिति में आरोपियों दवारा साजिश रचकर हत्या करने के मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। हाई कोर्ट ने तीनों को निर्दोष करार दिया है। आरोपी पवन बोरसे और अंकुश नाठे मार्च 2017 से नाशिक की जेल में सजा काट रहे थे। वे जल्द बाहर आएंगे।