MSRTC | एसटी की हड़ताल बनी मुसीबत ; राज्य के 59 डिपो का कामकाज ठप 

मुंबई (Mumbai News) : कोर्ट से मना करने के बावजूद राज्य (MSRTC ) के एसटी कर्मचारियों (ST employees) दवारा हड़ताल वापस नहीं लेने से हड़ताल (strike) मुसीबत बन गई है।  राज्य में काम बंद वाले  डिपो की संख्या 37 से बढ़कर 59 तक पहुंच गई है।  एसटी महामंडल (ST Mahamandal) के  राज्य सरकार (State Government) में विलय की मांग करने वाले 23 में से 22 कामगार संगठनों ने अपना समर्थन दिया है।  लेकिन इस हड़ताल में शामिल नहीं हुए है। महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ  वेतन श्रेणी वाले एसटी  कर्मचारी संगठन (ST Employees Organization) हड़ताल पर अड़े है।  वे आज कोर्ट (Court) में अपना पक्ष (MSRTC ) रखेंगे।

औरगांबाद, बीड़, पाटोदा, गेवराई, परली, आंबेजोगाई, आष्टी, माजलगांव, धारूर, तुलजापुर, हिंगोली, गढ़चिरोली, वसमत, जिंतुर, पाथरी, उरण, वाड़ा, सोलापुर, मंगलवेढा, नंदुरबार, जत, जामखेड, श्रीगोंदा डिपो के कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल (Strike) से बाहर आ गए।  बुधवार को 37 डिपो (Depot) के कर्मचारियों ने हड़ताल का आह्वान कर सेवा बंद कर दी थी।  इसमें 22 और डिपो के जुड़ जाने से यह हड़ताल मुसीबत बन गई।  हड़ताल में शामिल होने पर कर्मचारियों पर कार्रवाई की चेतावनी महामंडल (MSRTC) ने दी है।  कुछ कर्मचारियों का एक दिन के लिए आठ दिनों का वेतन कटौती, कुछ कर्मचारियों को निलंबित जबकि कुछ कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकालने की करवाई की जाएगी।

 

एसटी ST) की  कुल 23  कामगार संगठन है।  विभिन्न मांगों  लिए उन्होंने कृति समिति स्थापित की है।  विभिन्न मांगों को लेकर 27 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन अघोषित हड़ताल शुरू हुई थी।  राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह 28% महंगाई भत्ता (dearness allowance) और बढ़े मकान किराये मिलने के बाद और राज्य सरकार में एसटी महामंडल के विलय, वार्षिक वेतन वृद्धि की मांग पर दिवाली के बाद चर्चा करने का आश्वासन एसटी  महामंडल की तरफ से दिए जाने के बाद भी हड़ताल जारी है। कृति समिति ने 23 कामगार संगठन के विलय की मांग पवार अडी रही।  लेकिन इनमें से 21 संगठन इस हड़ताल में शामिल नहीं हुई।

 

संघर्ष एसटी कामगार संगठन (Sangharsh ST Workers Organization) और महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ वेतन श्रेणी एसटी  कर्मचारी संगठन 3 नवंबर की मध्यरात्रि से हड़ताल का नोटिस दिया।  हड़ताल को कोर्ट से मना किये जाने के बावजूद आंदोलन (Protest) जारी रहा।  कनिष्ठ वेतन श्रेणी एसटी  कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष अजय गुजर (President Ajay Gujar) ने कहा कि शुक्रवार को हम अपना रुख साफ करेंगे।  देश भर के छह राज्य की परिवहन सेवा (transport service) को वहां की सरकार में शामिल किया गया है। इसलिए हमारी मांग कायम है।  संघर्ष एसटी  कामगार संगठन  ने भी इस मांग को अपना समर्थन दिया है।  संगठन के महासचिव शशांक राव ने कहा कि हड़ताल का कभी सोचा नहीं था।

 

 

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