पवना नदी की जलकुंभी हटाने को लेकर एमपीसीबी ने दिए आदेश

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – पवना नदी में बड़े पैमाने पर जलकुंभी निर्माण हुई है जिसके चलते नदी किनारे के इलाकों में मच्छरों का उपद्रव बढ़ा है। इससे पिंपरी चिंचवड़ शहरवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है साथ ही नदी की मछलियों समेत जलचरों के वजूद पर भी संकट आ गया है। शिवसेना के जिलाप्रमुख गजानन चिंचवड़े ने इस गंभीर मुद्दे की ओर एमपीसीबी यानी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल का ध्यानाकर्षित किया है। इसे गंभीरता से लेते हुए एमपीसीबी ने पिंपरी चिंचवड़ मनपा प्रशासन को पवना नदी की जलकुंभी हटाने और उसकी तत्काल रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। इस बीच पवना नदी की दुर्दशा को लेकर शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने भी पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे से मुलाकात की। उन्होंने नदी प्रदूषण के लिए मनपा प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पिंपरी चिंचवडकर जिस पवना नदी का पानी पीते हैं वही नदी जलकुंभी के जाल में फंस गई है। जगह-जगह जलकुंभी का साम्राज्य बना हुआ है। शिवसेना जिला प्रमुख गजानन चिंचवडे की शिकायत के आधार पर एमपीसीबी के उपप्रादेशिक अधिकारी किरण हसबनीस ने हालिया पवना नदी का मुआयना किया और मनपा आयुक्त को निर्देशित किया कि तत्काल जलकुंभी हटाने की कार्यवाही कर एमपीसीबी को रिपोर्ट करें। नदी की जलकुंभी और मौसम में हो रहे बदलाव के चलते मच्छरों का प्रादुर्भाव बढ़ गया है। रावेत, पुनावले, वाल्हेकरवाडी, ताथवडे, चिंचवड, थेरगाव, रहाटणी, कालेवाडी, पिंपले सौदागर, पिंपले गुरव, सांगवी, दापोडी जैसे नदी किनारे के इलाकों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं। लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ गया है। साथ ही प्राणवायु का प्रमाण घटने से नदी के जलचरों के लिए भी खतरा बन गया है। इसके मद्देनजर जलकुंभी हटाने की तत्काल कार्रवाई करने और मनपा क्षेत्र से निर्माण होने वाले मैला पानी के निपटारे की ठोस उपाय योजना करने के आदेश भी एमपीसीबी ने दिए हैं।
इस बीच शिवसेना के स्थानीय सांसद श्रीरंग बारणे ने भी पवना नदी की दुर्दशा और प्रदूषण को लेकर राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया है कि, पिंपरी चिंचवड़ शहर से बहनेवाली पवना नदी की अवस्था नाले समान हो गई है। मनपा क्षेत्र का मैला मिश्रित पानी सीधे नदी के पानी में मिल रहा है। मैला पानी सीधे नदी में जा रहा है, इस बारे में पर्यावरण प्रेमी लगातार मनपा प्रशासन को आगाह कर रहे हैं, मगर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। नतीजन नदी प्रदूषण खतरे का स्तर पार कर गया है। रावेत से दापोडी तक नदी पाट में बड़े पैमाने पर जलकुंभी निर्माण हुई है। इससे चारों तरफ दुर्गंध, गंदगी और मच्छरो का साम्राज्य बना हुआ है। इससे लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ गया है। विकास का ढिंढोरा पीटनेवाले मनपा प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को लगातार नजरअंदाज कर रहा है। पवना नदी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार और प्रदूषण रोकने को लेकर उदासीन मनपा प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग सांसद बारणे ने की है।