भोसरी अस्पताल के निजीकरण के विरोध में आंदोलन

पिंपरी। संवाददाता – करोड़ों की लागत से भोसरी में बनाये गए हॉस्पिटल का संचालन निजी संस्था के माध्यम से करने का फैसला पिंपरी चिंचवड मनपा की सर्व साधारण सभा में किया गया। राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्यों द्वारा मचाये जा रहे हंगामे के बीच भाजपा ने बहुमत के जोर पर इसका प्रस्ताव पारित किया। भोसरी अस्पताल के निजीकरण को लेकर शिवसेना व मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) ने विरोध जताया है। इसी कड़ी में बुधवार को मनसे द्वारा मनपा मुख्यालय में आंदोलन किया गया।

मनसे के शहराध्यक्ष व मनपा में गुटनेता सचिन चिखले के नेतृत्व में किये गए इस आंदोलन में रूपेश पटेकर, राजू सावले, सुरेश सकट, के.के.कांबले, रवि जाधव, मिना गटकल, सीमा बेलापुरकर, रूपाली गिलबिले, स्नेहल बांगर, अनिता पांचाल, संगिता देशमुख, दक्षता क्षीरसागर, प्राजक्ता गुजर, पंकज दलवी, गणेश पाटिल, रोहित कालभोर, मयूर हजारे आदि शामिल हुए। इसके बाद चिखले व अन्य नेताओं ने मनपा आयुक्त श्रावण हार्डीकर को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोप लगाया है कि आम सभा में सत्तादल ने बिना किसी चर्चा और सदस्यों की राय जाने बिना निजीकरण का प्रस्ताव पारित किया है।

चिखले ने इस प्रस्ताव की अमलबाजी न करने और यह हॉस्पिटल मनपा के माध्यम से चलाने की मांग की है। प्रस्ताव की त्रुटियां गिनाते ही उन्होंने कहा कि, यह हॉस्पिटल 30 साल के लिए किस संस्था को चलाने दिया जा रहा है इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है। यहां सभी मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए और वाईसीएम हॉस्पिटल की तरह मनपा के जरिये इसका संचालन किया जाय। निजी संस्था से मनपा को कोई आमदनी नहीं मिलेगी उल्टे मनपा उसे निधि उपलब्ध कराएगी। इस प्रस्ताव पर सर्वदलीय सदस्यों की चर्चा होने के लिए उसका प्रस्ताव पेश किया जाना चाहिए।
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