मोटर व्हीकल एक्ट : नए जुर्मानों से खड़े होते विवाद

नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)| यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि में कई गुना वृद्धि करने वाले मोटर व्हीकल अधिनियम ने बड़े विवाद को जन्म दे दिया है और कई राज्यों ने यह कहते हुए इसे लागू ना करने का निर्णय लिया है कि इससे जनता पर अनुचित भार पड़ेगा।

मोटर व्हीकल (संशोधन) अधिनियम 2019 को संसद ने पिछले सत्र में पारित किया और यह एक सितंबर से प्रभावी हो गया।

जुर्माने की राशि इतनी ज्यादा है कि इसी सप्ताह एक ट्रक चालक और उसके मालिक को ओवरलोडिंग और कुछ अन्य नियमों के उल्लंघन पर दिल्ली में दो लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ा था।

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी का मजबूती से बचाव करते हुए कहा कि देश में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हो जाती है, इसलिए इस अधिनियम का उद्देश्य वाहन चालकों को यातायात नियमों का उल्लंघन करने से रोकना है।

हालांकि गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने नए कानून को लागू नहीं करने का फैसला किया, वहीं महाराष्ट्र ने केंद्र से जुर्माने की राशि पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया।

नए कानून के अनुसार, गलत और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों को पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने से एक साल तक जेल या 1,000 से 5,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर दोषी को 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा।

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी। वहीं दूसरी बार दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल या 15,000 रुपये तक की जेल की सजा या दोनों सुनाई जाएगीं।

बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना कर दिया गया है जो पहले सिर्फ 500 रुपये था।

योग्य ना होने के बावजूद वाहन चलाने पर पहले सिर्फ 500 रुपये था, जो अब बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है।

निर्धारित सीमा से अधिक गति से वाहन चलाने पर जुर्माना 400 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है। हल्के मोटर वाहन के मामले में यह 2,000 रुपये है। इस मामले में मध्यम यात्री या माल ढोने वाले वाहनों पर जुर्माना 2,000 रुपये से 4,000 रुपये हो गया है।

बच्चे द्वारा वाहन चलाने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन भी एक साल के लिए रद्द किया जा सकता है। एक साल पूरा होने पर आपको अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए फिर से नया आवेदन करना होगा।

नए कानून के अनुसार, इस नियम का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है। वहीं नाबालिग बच्चे के लिए उसे लर्नर लाइसेंस 25 साल तक नहीं मिलेगा।

इसी तरह कई अन्य नियमों के उल्लंघन पर भी जुर्माना कई गुना तक बढ़ा दिया गया है।