हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता : राष्ट्रपति

पिंपरी। सँवाददाता: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोनावाला में आईएनएस शिवाजी की स्थापना के 75 वें वर्ष पर उसे ‘प्रेसिडेंट कलर’ प्रदान करने के दौरान कहा कि विश्वभर में खास तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता है। मैं जानता हूं कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में मिशन आधारित तैनाती की व्यवस्था अपनाता है। लगातार तैनातियों और हमारे हितों वाले क्षेत्रों में मौजूदगी के लिए समुद्र अभियंताओं का गुणवत्ता परक प्रशिक्षण अहम है।
उन्होंने आगे कहा कि आईएनएस शिवाजी को सभी प्रशिक्षकों को अपेक्षित कैशल देना चाहिए ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें। एक अग्रणी शक्ति के तौर पर भारत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा,व्यापार और वाणिज्य के परिप्रेक्ष्य में वैश्विक प्रतिमान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रम में भारत का कद बढ़ने के कई कारक हैं और इसमें हमारे सशस्त्र बलों की क्षमताएं और पराक्रम शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी देश का समुद्री हित आमतौर पर उसकी अर्थ व्यवस्था और उसके लोगों के कुक्षल क्षेम से जुड़ा होता है। मुझे बताया गया है कि हमारा 90 फीसदी व्यापार समुद्र मार्ग से होता है, और यह न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा में बल्कि आर्थिक सुरक्षा में और इसी प्रकार से राष्ट्र निर्माण की व्यापक प्रक्रिया में भारतीय नौसेना की भूमिका को बढ़ाता है। नौसेना समुद्र शक्ति में भारत का प्रमुख हथियार है। और यह सैन्य तथा असैन्य दोनों क्षेत्रों में देश के समुद्री हितों का अभिभावक है।
राष्ट्रपति ने कहा, हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा, व्यापार मार्ग की सुरक्षा की प्रतिबद्धता और नागरिक आपातकाल जैसे हालात में मदद का हाथ बढ़ाने के लिए देश को नौसेना पर गर्व है। मुझे यह जान कर प्रसन्नता है कि भारतीय नौसेना ने हाल में ही चक्रवात डायना से प्रभावित मेडागास्कर की जनता को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए ‘ऑपरेशन वनीला’ चलाया था।’’ भारत और मेडागास्कर हिंद महासागर क्षेत्र से आपस में जुड़े हुए हैं। आईएनएस शिवाजी भारतीय नौसेना का अड्डा है। इसमें नेवल कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग है जिसमें भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाता है।