15 लाख से भी ज्यादा लोग बने ‘सारथी’ के लाभार्थी

पिंपरी। सँवाददाता : नागरी समस्याओं के निवारण व नागरी सुविधाओं के लिहाज से प्रशासन व नागरिकों के बीच सेतु बनी पिंपरी चिंचवड मनपा की सारथी हेल्पलाइन शहरवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। 15 अगस्त 2013 से 13 जनवरी 2020 तक सारथी हेल्पलाइन से 15 लाख एक हजार 945 नागरिक जुड़े हैं। इनमें सारथी वेबसाइट और वेबलिंक के जरिए छह लाख 91 हजार 513, हेल्पलाइन के जरिए तीन लाख 76 हजार 726, सारथी की पीडीएफ पुस्तिका के जरिये दो लाख 77 हजार 624, ई बुक के जरिए एक लाख 22 हजार 164, मोबाइल ऐप के जरिए 25 हजार 843 और प्रिंट पुस्तिका के जरिए 8075 नागरिक शामिल हैं।
मनपा के विभिन्न विभागों के माध्यम से दी जाने वाली नागरी सेवा, सुविधाओं की उपलब्धता में रफ़्तार लाने के लिए तत्कालीन मनपा आयुक्त डॉ श्रीकर परदेशी ने 15 अगस्त 2013 को सारथी नामक हेल्पलाइन शुरू की। इसके जरिये मनपा व सरकार से जुड़ी नागरिक सेवा व सुविधाओं की तत्काल जानकारी देने के अलावा नागरी समस्याओं को दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। यह हेल्पलाइन सप्ताह के सातों दिन 24 घन्टे शुरू है। यह हेल्पलाइन नागरी समस्याओं के लिए मनपा के दफ्तरों के चक्कर काटने के झंझट से निजात दिलाने में कारगर साबित हुई है।13 जनवरी 2020 तक सारथी हेल्पलाईन पर विविध विभागों से संबंधित कुल एक लाख 65 हजार 759 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से एक लाख 60 हजार 787 शिकायतों का निवारण किया गया। प्राप्त शिकायतों के निवारण का प्रमाण 97 फीसदी है।
मनपा की विविध सेवाओं से अलावा जिलाधिकारी कार्यालय से दिए जानेवाले विभिन्न दाखिले, मतदाता पंजीयन, राशनकार्ड समेत कई सेवा-सुविधा के साथ ही एमआईडीसी, प्राधिकरण, महावितरण, आरटीओ आदि कई सरकारी कार्यालयों से जुड़ी सेवाएं भी सारथी के जरिये उपलब्ध कराये जा रहे हैं। हेल्पलाइन के बाद वेबसाइट, वेबलिंक, पीडीएफ व प्रिंट पुस्तिका, मोबाइल ऐप, ई बुक के जरिए सारथी की सेवाएं दी जाने लगी। बहुभाषी शहर को ध्यान में रख मराठी के साथ ही इंग्लिश और हिंदी भाषा में भी इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक कुल 15 लाख एक हजार 945 लोगों ने सारथी का लाभ उठाया है। मनपा की सारथी परियोजना राज्य से लेकर केंद्र सरकार के स्तर तक सराही गई है। राज्य सरकार के राजीव गांधी प्रशासकीय गतिमानता अभियान व स्पर्धा के अंतर्गत 10 लाख रुपए का प्रथम क्रमांक का पुरस्कार भी इसे मिल चुका है। नागरी सुविधाओं में सूचना तकनीक का सुनियोजित इस्तेमाल के लिए राज्य सरकार से गोल्ड मेडल भी मिल चुका है।इसके अलावा राज्य, राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न संस्थाओं ने भी सारथी का गौरव किया है।