महाराष्ट्र में ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट का ज्यादा खतरा, राज्य सरकार ने लगाई नई पाबंदियां

मुंबई : ऑनलाइन टीम – देशभर में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है, लेकिन इस बीच कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है और इसके सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट को केंद्र सरकार ने ‘चिंताजनक स्वरूप’ (वीओसी) के रूप में टैग किया गया है और अगर मामले ज्यादा बढ़ते हैं तो महाराष्ट्र सरकार को राज्य में एकबार फिर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इस बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इसे लेकर अहम जानकारी दी है।

देशभर में इस वेरिएंट के 40 मरीज मिले (भारत ने बुधवार को 40 मामलों की पुष्टि की)। सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में हैं। इसी पृष्ठभूमि में राज्य सरकार ने बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में एक बार फिर राज्यों में सख्त पाबंदियां लगाने का फैसला किया। इसी के तहत आज डेल्टा, डेल्टा प्लस वेरियंट और तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य में पाबंदियों को लेकर नए आदेश जारी किए हैं।

राज्य के कुछ जिलों में कोरोना के भी मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। नागरिक भी बाजारों में निकल रहे है। इससे भीड़ इक्कठा हो जाता है। इसलिए डेल्टा प्लस का खतरा और बढ़ जाता है। इसलिए राज्य सरकार ने राज्य में पाबंदियों को लेकर नए आदेश जारी किए हैं।

जानिए क्या है नए नियम –

राज्य में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। राज्य में 21 जून को डेल्टा प्लस वेरियंट के मरीज पाए गए थे। राज्य में तीसरी लहर की भी संभावना है। इसके कारण राज्य में कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। आदेश में आगे कहा गया है कि रत्नागिरी, जलगांव और अन्य जिलों में इस तरह के मरीज मिले हैं। इस जिले में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए आमतौर पर सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता होती है।

राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, वायरस और नए रूपों में बदलाव के लिए सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता है। पत्र में कहा गया है कि टास्क फोर्स के समापन के बाद पिछले आदेश को बदलना आवश्यक था। लागू प्रतिबंधों के तहत, साप्ताहिक सकारात्मकता दर अब केवल आरटी-पीसीआर परीक्षणों के आधार पर निर्धारित की जाएगी। आरएटी या अन्य परीक्षणों पर विचार नहीं किया जाएगा। जन जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से नागरिकों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करना। साथ ही, 70 प्रतिशत पात्र नागरिकों को टीकाकरण पूरा करना आवश्यक है। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट ट्रीटमेंट लागू किया जाए।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अन्य टेस्ट की तुलना में आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या ज्यादा बढ़ाएं। कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें। भीड़, समारोहों, कार्यक्रमों, विवाह समारोहों से बचें। शहर के उन इलाकों में कंटेनमेंट जोन घोषित करें जहां कोरोना का प्रसार ज्यादा है।

कोरोना की चेन तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने 20 दिन पहले अनलॉक करने का फैसला किया था। हालांकि, डेल्टा प्लस वेरिएंट की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। राज्य में अब तक इस वैरिएंट के 21 मरीज मिल चुके हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि राज्य में फिर से कोरोना संक्रमण के उभरने का खतरा है। ऐसे में राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या कम करना स्वास्थ्य प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगले तीन से चार सप्ताह में महाराष्ट्र में भी कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है।