नीति निर्धारकों से मोदी ने कहा- देश का मिजाज समझिए, अवसर यही बताता है

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी मीटिंग को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि  देश के लोगों के लिए ईज ऑफ लिविंग बिजनेस के लिए काम करना होगा। कोरोना दौर में प्रोडक्शन में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन हमारी क्षमता कहीं ज्यादा है। स्थानीय स्तर पर केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे। मैं दो चीजों का आग्रह करता हूं। आज हमें अवसर मिला है। इसमें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की कोशिश रहनी चाहिए। इसके लिए कानूनों-व्यवस्थाओं में सुधार करना होगा।

कृषि को प्राथमिकता : कृषि में अपार क्षमताएं हैं, पर अभी भी कई चुनौतियां है। इसके लिए कई सुधार करने होंगे। किसान कई कृषि उत्पाद केवल देश ही नहीं, दुनिया के लिए पैदा कर सकते हैं।

 प्राइवेट सेक्टर :  आत्मनिर्भर भारत एक ऐसे भारत की तरफ कदम है, जहां हर व्यक्ति को पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। हम केवल अपने लिए नहीं, विश्व के लिए उत्पादन करेंगे। इसके लिए हमें इनोवेशन को बढ़ाना होगा, शिक्षा के नए मौके देने होंगे।

 सुधार की कवायद : हाल ही में ऐसे कई रिफॉर्म्स किए गए हैं, जो सरकार का दखल कम करते हैं। हमने 1500 कानून खत्म किए हैं। मैंने कहा है कि कंप्लायंस की संख्या कम हो।

मिशन मोड में काम : 2014 के बाद से गांवों और शहरों को मिलाकर देखें तो 2 लाख से ज्यादा घरों के बनाने का काम हुआ है। अच्छी क्वालिटी के घर बनाए जा रहे हैं। प्रदूषित पानी से बीमारी न हो, इस दिशा में मिशन मोड में काम हो रहा है।
बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के एडमिनिस्ट्रेटर और लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल हुए। मोदी ने कहा कि इस साल के बजट पर जो पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया, उससे मूड ऑफ नेशन का पता चलता है।