मुंबई : समाचार ऑनलाइन – अगर IMF (International Monetary Fund) की मानें तो जल्द ही सुस्ती के दौर से गुजर रही देश की आर्थिक व्यवस्था के अच्छे दिन आ सकते हैं, जिसमें मोदी सरकार का कोर्पोरेट टैक्स घटाएं जाने संबंधी निर्णय अहम साबित हो सकता है.
बता दें कि हाल ही में IMF के डायरेक्टर (एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट), चेंगयॉन्ग री ने सरकार के कोर्पोरेट टैक्स के घटाने संबंधी कदम की सराहना करते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1% रहने की उम्मीद है. वहीं 2020 में यह 7% तक पहुंच सकती है.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा मोदी सरकार के इस निर्णय से विदेशी निवेशक भारत में अपना पैसा लगाने में रूचि लेंगे. इसके अलावा मंदी की मार झेल रही घरेलू कंपनियों को भी इन्वेस्टमेंट करने की हिम्मत मिलेगी.
इसके अलावा IMF ने कार्पोरेट टैक्स को बैंकों की तरक्की के लिए भी फायदेमंद बताया है. साथ ही यह भी कहा है कि बैंको की वर्तमान दशा में सुधार की आवश्यकता है.
वहीं IMFके डिप्टी डायरेक्टर (एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट), एन्ने-मैरी गुल्डे-वॉफ ने सुझाव दिया कि, भारत को नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर की परेशानियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
वर्ल्ड बैंक और IMF ने घटाया GDP ग्रोथ का अनुमान-
एक तरफ IMF ने सरकार के कार्पोरेट टैक्स को कम करने के निर्णय को उचित बताया हों, लेकीन अभी के लिए वर्ल्ड बैंक और IMF द्वारा देश की GDP ग्रोथ को घटा दिया गया है. यानि कि इस साल के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है.
बता दें कि IMF का कहना है कि घरेलू खपत के कमजोर बने रहने के कारण ग्रोथ के अनुमान में कटौती की गई है. IMF ने 2020 में पहले भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.2 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया था.
visit : punesamachar.com