LIC को लेकर मोदी सरकार लेगी बड़ा निर्णय ; मेगा IPO को लेकर गतिविधियां बढ़ी 

नई दिल्ली, 5 जून : भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी का मेगा आईपीओ प्रस्तावित है।  इस संदर्भ में गतिविधियां बढ़ गई है। केन्द्र सरकार दवारा इसके लिए जून महीने में इन्वेस्टमेंट बैंकर्स से प्रस्ताव मंगाए जाने की संभावना है। इस प्रस्ताव के आधार पर एलआईसी की आईपीओ के संचालन के लिए इंवेस्टमेंट्स बैंकर्स की नियुक्ति की जाएगी।

ब्लूमबर्ग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी महीने केंद्र सरकार इन्वेस्टमेंट बैंकर्स से प्रस्ताव मंगा सकती है।  साथ ही आने वाले कुछ सप्ताह में एलआईसी शेयर्स की बिक्री के लिए सरकार आमंत्रण भेज सकती है।

इसके अनुसार मार्च 2022 तक एलआईसी का  आईपीओ आ सकता है।  इस तरह की संभावना जताई जा रही है।  एलआईसी के लाभांश की बिक्री को  लेकर  केंद्र सरकार को विरोधी दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए एलआईसी के आईपीओ की घोषणा की थी।  ऐसी उम्मीद है कि  एलआईसी के साथ एयर इंडिया और बीएसएनएल इन कंपनियों के डिसइनवेस्टमेंट की दृष्टि से केन्द्र सरकार कदम आगे बढ़ाएगी।
महत्वाकांक्षी डिसइनवेस्टमेंट योजना के जरिये 24 अरब डॉलर का फंड खड़ा करने का केंद्र सरकार का उद्देश्य है।  इस फंड से कोरोना काल में बढ़े खर्च में सरकार को आर्थिक मजबूती हाशिल करने में मदद मिलेगी।

एलआईसी की ताज़ा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में एलआईसी की कुल अनुमानित सम्पत्ति 32 लाख करोड़ रुपए यानी 439 अरब डॉलर है।  भारतीय बाजार में एलआईसी की हिस्सेदारी करीब 70% है।

लाइफ इंश्योरंस कॉर्पोरेशन यानी LIC अपने ग्राहकों का  वर्तमान और भविष्य सुरक्षित रखने के लिए हमेशा विशेष योजना पेश करता रहता है।  एलआईसी की योजना अलग-अलग वर्गों की जरुरत के मुताबिक तैयार की जाती है।  जीवन शांति योजना के जरिये हर महीने पेंशन पाने का विकल्प रहता है।  ऐसे में किसी वजह से हाथ में कोई बड़ी रकम आई है तो इस योजना में एक बार में निवेश कर हर महीने पेंशन के रूप में  पैसे मिलते  है।

एलआईसी की किसी  भी पॉलिसी की अवधि जारी है और पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो उनकी मौत होने तक सारा हफ्ता नियमित रूप से भरा गया है, तो पॉलिसीधारक की मौत के बाद उनके नॉमिनी को बीमे की रकम मिलेगी। इसमें कुछ बोनस बनता है तो वह भी मिलेगा।