Modi Cabinet | मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं प्रीतम मुंडे? देवेंद्र फडणवीस की पहली प्रतिक्रिया

नासिक (Nashik News) – (Modi Cabinet) केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) के विस्तार के बाद भाजपा (BJP) में ख़ुशी और दुख है। भाजपा (BJP) सांसद प्रीतम मुंडे (Pritam Munde) के मंत्री पद (ministerial position) न मिलने से पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) समेत मुंडे पार्टी में रोष है। इस बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra fadnavis) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा – अपनी बहनों को बदनाम मत करो, परेशान मत हो। वह नाराज नहीं है। फैसला वरिष्ठ स्तर पर लिया गया है। (Modi Cabinet)

दरअसल नासिक (Nashik) में सिटी बस सेवा का समर्पण समारोह आयोजित किया गया था। इस मौके पर नासिक के संरक्षक मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) मौजूद थे। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कैबिनेट (Cabinet) विस्तार पर अपनी प्रतिक्रिया दी। फडणवीस ने कहा – ‘मुंडे बहनों केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) के विस्तार से खफा हैं, जो ऐसा कह रहे हैं। ऐसी कोई  बात नहीं है। मंत्री पद के आवंटन पर निर्णय पार्टी के वरिष्ठ स्तर पर लिया जाता है। इसलिए मुंडे बहनों की बदनामी मत करो।

फडणवीस ने कहा कि साथ ही नारायण राणे (Narayan Rane) को मंत्री पद मिला है। वह अपनी दक्षता के कारण कैबिनेट (Cabinet) में शामिल हुए हैं। वे अच्छा काम करेंगे। पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या एकनाथ खडसे (Eknath Khadse)  को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है, उन्होंने कहा मैं किसी ईडी (ED) का प्रवक्ता नहीं हूं। एकनाथ खडसे के मामले में मैं क्या कहूंगा? फडणवीस ने कहा ईडी जांच करेगा क्योंकि सबूत हैं।

इस बीच, मुंडे समर्थकों का एक पोस्ट सोशल मीडिया (Social media) पर वायरल हो गया है क्योंकि प्रीतम मुंडे (Pritam Munde) को मंत्री पद (ministerial position) नहीं मिला है। इस पद में गोपीनाथ मुंडे के योगदान पर प्रकाश डाला गया है। यह पोस्ट पंकजा मुंडे के लिए काम करने वाले पूर्व सहयोगी संकेत सनप ने लिखा है।

अगर आपके नाम पर मंत्री पद के लिए चर्चा हो रही है तो आप किसी के दरवाजे पर पैरवी नहीं कर रहे हैं। यह सब पहले से ही स्थापित शक्ति केंद्रों द्वारा अनुभव किया जा चुका है। तो ऐसा दोबारा नहीं होता है। एक गोपीनाथ मुंडे दो गोपीनाथ मुंडे कैसे बन सकते हैं? कोई भी राजनीतिक अभिजात वर्ग दो गोपीनाथ मुंडे नहीं चाहता। आज पंकजताई 42 साल की हैं और प्रीतमताई 38 साल की हैं।

क्या है वह पोस्ट?

24-25 मई 2014, चर्चा है कि सांसद गोपीनाथ मुंडे (Gopinath Munde) को मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में शामिल नहीं किया जाएगा। हाँ, हाँ, नहीं, नहीं, आखिरकार साहब ने शपथ ली। लोग खुशी से पागल हो गए। अगर आज प्रीतमाता को शामिल कर लिया जाता तो लगभग यही तस्वीर पूरे राज्य में देखने को मिलती!

ऐसा क्यों नहीं हुआ?

– राजनीति या कुछ और?
– मुंडे बहनों का सफर याद है आपको?
– संघर्ष यात्रा में फिर से गांव-गांव में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया, 2014 में भगवंतगढ़ में लाखों भावनात्मक समुदाय को झकझोर कर रख दिया।
– 2014 में मुंबई में कैबिनेट में आपके नाम की घोषणा के समय उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों से अधिक प्रतिक्रियाएं।
– 2014 के लोकसभा उपचुनाव में सारे रिकॉर्ड तोड़ वोट।
– गो गोपीनाथगढ़-भगवानगढ़ रैली जो 2017 में देश का ध्यान आकर्षित करेगी।
– ही स्वयंभू दलों की साजिशों के बावजूद लाखों समुदाय और भगवान भक्तिगढ़ पर हर साल चर्चा सिर्फ आपके दशहरा मिलन के लिए होती है।
– मागनी लोकसभा में ही जातिवार जनगणना की मांग कर रहे हैं तो अपने पिता की तरह वंचितों और शोषितों की आवाज होने का दोष दिखा रहे हैं।

कोई भी राजनीतिक (Politics) अभिजात वर्ग दो गोपीनाथ मुंडे नहीं चाहता।

गोपीनाथ मुंडे (Gopinath Munde) ऐसे लोग चाहते हैं जो हमेशा जनता के लिए उपलब्ध हों, जो बिना किसी शर्त के फोन पर काम करते हैं, जो आधी रात को फोन उठाते हैं।

राजनेता जो बचकानी विचारधाराओं के पक्ष में लोकलुभावन नीतियों को अपनाते हैं… अन्याय सहने वाले उत्पीड़न और दर्द को सहने वाले, जो पार्टी के प्रति वफादारी बनाए रखते हैं, जो सीधे विपक्ष के साथ होते हैं, जो शोषित और उत्पीड़ितों के वंचित पीड़ितों के प्रति अधिक वफादार होते हैं।

आज पंकजताई 42 साल के हैं और प्रीतमताई 38 साल के हैं। ऐसे कई घाव सहने के बाद वह गोपीनाथ मुंडे (Gopinath Munde) बनना चाहते हैं। यह तो एक शुरूआत है!

 

 

 

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