Modi cabinet | इनकमिंग फायदेमंद हुआ साबित, दूसरी पार्टी से आए नेताओं को मंत्रिमंडल में बड़ा मौका…!

नई दिल्ली : ऑनलाइन टीम – (Modi cabinet) हेमंत बिस्वा शर्मा (Himanta Biswa Sarma) ने पिछले महीने असम के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। हेमंत शर्मा (Himanta Sarma) कुछ साल पहले कांग्रेस (Congress) छोड़कर भाजपा (BJP) में शामिल हुए थे। कुछ ही वर्षों में वे मुख्यमंत्री बन गए। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कैबिनेट (Modi cabinet) विस्तार में जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उन पर नजर डालें तो कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आती है। कांग्रेस (Congress), एनसीपी (NCP), शिवसेना (Shiv sena) से बीजेपी (BJP) में शामिल हुए नेताओं को अच्छा मौका मिला है। इसलिए सालों से बीजेपी में काम कर रहे नेताओं में कुछ नाराजगी की बात हो रही है।

महाराष्ट्र (Maharashtra) से कपिल पाटिल (Kapil Patil)  (2014), भारती पवार (Bharti Pawar) (2019) और नारायण राणे (Narayan Rane) (2019) सभी भाजपा (BJP) में शामिल हुए हैं। इसके बाद उनके 2021 के केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) में अपनी पहचान बनाने की संभावना है। इसके अलावा राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे। उनके आने से कांग्रेस में काफी हलचल मच गई थी। हालांकि, बीजेपी में शामिल होने के बाद अगले साल उन्हें टिकट मिल गया और सीधे केंद्रीय कैबिनेट में सीट मिल गई।

कपिल पाटिल

भिवंडी से बीजेपी सांसद कपिल पाटिल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना जताई जा रहे हैं। कपिल पाटिल 2014 में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे। तब उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था। वर्तमान में नवी मुंबई एयरपोर्ट दिवंगत दि. बा. पाटिल के नाम को लेकर विवाद है। शिवसेना को चुनौती देने के लिए यह पद देने की बात हो रही है।

भारती पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस की भारती पवार 2019 में बीजेपी में शामिल हुई थीं। लोकसभा चुनाव नजदीक आने पर वह भाजपा में शामिल होने से बड़ी चर्चा हुई थी। सूत्रों ने बताया कि मोदी की कैबिनेट में भारती पवार को भी मौका मिल सकता है।

नारायण राणे

 

नारायण राणे, जो कभी कट्टर शिव सैनिक थे, कांग्रेस, महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के रूप में यात्रा करके भाजपा में शामिल हो गए। नारायण राणे 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे। पिछले दो वर्षों में वह राज्य सरकार की तीखी आलोचना करते रहे हैं। कभी कट्टर शिवसैनिक रहे नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्हे भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की बात कही जा रही है।

 

ज्योतिरादित्य सिंधिया

 

मध्य प्रदेश में गुना लोकसभा क्षेत्र को सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है। 2019 में 15 साल बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। वह उस समय मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। लेकिन उनकी जगह कांग्रेस ने अनुभव को तरजीह दी और कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया। उसके बाद चर्चा थी कि सिंधिया नाराज हैं। उन्होंने आखिरकार 10 मार्च, 2020 को कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। हंगामे के बाद भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य के भी मोदी मंत्रिमंडल में होने की अफवाह है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कैबिनेट विस्तार बुधवार (07 जुलाई) शाम 6.30 बजे होगा और करीब 20 मंत्रियों के शपथ लेने की उम्मीद है।

सूत्रों ने कहा कि एक सूची और अन्य विवरण प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा राष्ट्रपति भवन को भेजे जाएंगे।

सूत्रों ने कहा कि इस आयोजन के लिए देश भर से लगभग 120 गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है।

खास बात यह है कि अब महाराष्ट्र से दो नेताओं के नामों की चर्चा शुरू हो गई है।

 

 

 

 

 

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