NPR को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, जानिए क्या है NPR

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। इसके अंतर्गत देश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर को अपडेट किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इसके लिए 8700 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। एनपीआर के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना एनपीआर का मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बैठक के दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने को भी मंजूरी दी गई है। अप्रैल से दिसंबर तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की प्रक्रिया चलेगी। इसमें नागरिकों का एक रजिस्टर बनाया जाएगा। मंत्री ने साफ किया कि इसके लिए किसी भी कागज या सबूत को दिखाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए सरकारी कर्मचारी घर आएंगे। उन्होंने बताया कि हर राज्य ने इसके लिए अनुमति दी है।  उन्होंने यह भी बताया कि हर 8 से 10 सालों में इस रजिस्टर को अपडेट किया जाएगा।

जानिए क्या है NPR –

– राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी।

– इसके तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड लिया जाएगा और उनकी वंशावली भी दर्ज की जाएगी।

– वैसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा।

– एनपीआर को सरकार राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी।

– एनपीआर तीन चरणों में तैयार किया जाएगा – पहला चरण एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के – कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाए जाएंगे।

– दूसरा चरण 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होगा। इसके बाद तीसरा चरण होगा, जिसमें जुटाए आंकड़ों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे।