मनपा का उड़ रहा मजाक, 500 से अधिक बसों का दिया ऑर्डर, मिला 100 भी नहीं

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन –  पुणे महानगर परिवहन मंडल (पीएमपीएमएल) के लिए सीएनजी की 400 और 125 ई-बसे देने का ऑर्डर जिस कंपनी को दिया गया था उस कंपनी ने तय समय में ऑर्डर पूरा नहीं किया। इसलिए इस कंपनी पर प्रति दिन प्रति बस 10 हजार रुपए जुर्मानात्मक कार्रवाई को नोटिस देने का आदेश पीएमपी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने प्रशासन को दिया है। इसके अलावा पीएमपी से निकाले गए 33 कर्मचारियों के मामले पर भी सुनवाई हुई जिसमें 12 कर्मचारियों को वापस सेवा में ले लिये जाने की जानकारी स्थायी समिति के सभापति विलास मडिगेरी ने दी।

पीएमपीएमएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक गुरुवार को पिंपरी-चिंचवड़ मनपा मुख्यालय में सम्पन्न हुई। इस बैठक में महापौर राहुल जाधव, स्थायी समिति के अध्यक्ष विलास मडिगेरी, पीएमपीएमएल की अध्यचक्षा और मैनेजिंग डायरेक्टर नयना गुंडे, मनपा आयुक्त और डायरेक्टर श्रवण हर्डिकर, सीआईआरटी के डायरेक्टर कैप्टर राजेंद्र सनेर पाटिल व परिवहन अधिकारी अजीत शिंदे बैठक में उपस्थित थे।

20 फरवरी 2019 को दिया गया था ऑर्डर
पीएमपीएमएल ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक प्रसिद्ध कंपनी को 400 सीएनजी बस बनाने का ऑर्डर 20 फरवरी 2019 को दिया था। इसमें एक बस की कीमत 48 लाख 40 हजार रुपए है। 400 बसों में से पिंपरी-चिंचवड़ शहर के लिए 160 और पुणे के लिए 240 बसें है। पीएमपीएमएल ने 10 अप्रैल को कंपनी को एडवांस पेमेंट किया था। अगले 45 दिनों में यानी वर्क ऑर्डर देने के बाद से चरणों में बस उपलब्ध कराने की उम्मीद थी। इसके अनुसार एक अप्रैल को 50 बस, 16 मई को 50 बस, 15 जून को 100 बस, 15 जुलाई और 14 अगस्त को 100 बसें देनी आवश्यक है। इनमें से अब तक केवल 65 बसें ही पीएमपी के बेड़े में आई है। बंद देने में देरी करने पर पीएमपी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं करते हुए केवल नोटिस भेजा। नोटिस में कंपनी से पूछा गया है कि उसके खिलाफ क्यों नहीं दंडात्मक कार्रवाई की जाए। ऐसी नोटिस संबंधित कंपनी को दी गई थी। और विलंब होने पर अगले 24 घंटे में प्रति बस 10 हजार रुपए के जुर्माना वसूलने की कार्रवाई का नोटिस भेजा गया है।

निर्माण की प्रक्रिया का निरीक्षण किया गया था
पदाधिकारियों ने 19 मार्च को बस निर्माण की प्रक्रिया का निरीक्षण किया। उस वक्त बस में कुछ त्रुटियां पाई गई थी। इन त्रुटियों को दूर करने का निर्देश अधिकारियों ने दिया था। इसके बाद 11 जून को अधिकारियों ने फिर से निरीक्षण किया तो उस वक्त तक कंपनी की तरफ से त्रुटि ठीक नहीं की गई थी। 30 जून को निरीक्षण करने पर अधिकांश त्रुटियां दूर की जा चुकी थी।

इसके अलावा हैदराबाद की  एक कंपनी को 125 ई-बसें बनाने का बॉर्डर पीएमपीएमएल ने दिया था। इनमें से 50 बसें पिंपरी को और 75 बसें पुणे को मिलेगी। इस कंपनी को 70 बसे 6 जुलाई को देने की उम्मीद थी। लेकिन अभी तक एक भी बस नहीं दिया गया। शेष 55 बस 5 अगस्त को दिया जाना तय किया गया है। इस कंपनी को भी प्रति दिन प्रति बस 10 हजार रुपए दंडात्मक कार्रवाई से जुड़ा नोटिस भेजा गया है।