कोविड अस्पतालों की लूटखसोट को लेकर विधायक जगताप ने मनपा आयुक्त को लताड़ा

पिंपरी। पिंपरी चिंचवड़ के निजी कोविड अस्पतालों ने कोरोना बीमारी के इलाज के बाद मनमाने बिल वसूल किए हैं। मनपा आयुक्त के आदेश के बाद भी संबंधित मरीजों को अतिरिक्त बिल नहीं लौटाए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि मनपा का चिकित्सा विभाग मीडिया को भ्रामक जानकारी दे रहा है। एक तरह से, मनपा ही इस लूटखसोट पर पर्दा डालने का काम कर रहा है। इसके चलते विधायक लक्ष्मण जगताप ने मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर को पत्र लिखकर लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को संबंधित रोगियों को अधिशेष धन वापस करने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए और संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आदेश देना चाहिए।  साथ ही उन्होंने आयुक्त को चेतावनी दी है कि अतिरिक्त बिल मरीजों को लौटाए गए हैं या नहीं? इसकी जानकारी उन्हें दी जाय।
सरकार ने राज्य में कोरोना की शुरुआत के दौरान निजी अस्पतालों के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के उपचार की अनुमति दी थी।  इसका फायदा उठाते हुए, निजी कोविड अस्पतालों ने मरीजों से लूटखसोट की। इस पर सरकार ने नियम बनाया कि कोरोनरी हृदय रोग के साथ-साथ अन्य बीमारियों के रोगियों पर कितना इलाज खर्च लिया जाना चाहिए। सरकार द्वारा सभी अस्पतालों को एक आदेश जारी किया गया था। उम्मीद थी कि इससे निजी कोविड अस्पतालों पर इलाज के नाम पर मरीजों की लूटखसोट रुक जाएगा। मगर, निजी कोविड अस्पताल, जो अपनी मानवता खो चुके हैं, ने सरकार के आदेश को तोड़ दिया है और रोगियों से मनमाना बिल वसूल किया है। कई मरीजों की शिकायत के बाद, विधायक लक्ष्मण जगताप ने मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर को जगाया और उनसे मरीजों की लूट को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा।
आयुक्त ने निजी कोविड अस्पतालों को मरीजों से एकत्र बिलों का ऑडिट करने का आदेश दिया था। इसमें यह निष्कर्ष निकाला है कि ज्यादातर निजी कोविड अस्पतालों ने कोरोना रोगियों के साथ मनमानी की है। यह स्पष्ट हो गया है कि कई अस्पतालों ने सरकार द्वारा निर्धारित उपचार की लागत से कई गुना अधिक कोरोना रोगियों से बिल जमा किए हैं। इसके बाद, मनपा आयुक्त हार्डीकर ने ऑडिट किए गए अस्पतालों को संबंधित रोगियों को अतिरिक्त बिल वापस करने का आदेश दिया है। कुछ अस्पतालों ने तब से संबंधित रोगियों या उनके रिश्तेदारों की प्रतिपूर्ति की है। हालांकि, कई अस्पतालों ने आयुक्त के आदेश का पालन करते हुए मरीजों को पैसा वापस नहीं किया है।

दूसरी ओर, इस मामले में, मनपा के चिकित्सा विभाग द्वारा मीडिया को भ्रामक जानकारी दी जा रही है। यह निजी अस्पतालों को उसी तरह का समर्थन दिखाता है जो मरीजों को लूटता है। संबंधित अस्पतालों में बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिली है। मरीजों को उनका बकाया वापस दिलाने के बजाय चिकित्सा विभाग निजी अस्पतालों की मनमानी पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। निजी कोविड अस्पतालों द्वारा लूटे गए कई रोगियों ने शिकायत की है कि संबंधित अस्पताल पैसे वापस नहीं कर रहे हैं। नागरिकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, विधायक जगताप ने मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर को एक पत्र लिखकर कहा कि वे संबंधित निजी कोविद अस्पतालों को उनका हक़ लूटे हुए मरीजों को वापस दिलाने के लिए मजबूर करें, राज्य सरकार की अधिसूचना और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें।