एमके स्टालिन को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) का अध्यक्ष चुना गया

चेन्नई। समाचार ऑनलाइन
डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष और करुणानिधि के छोटे बेटे एमके स्टालिन को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) का अध्यक्ष चुन लिया गया है। मंगलवार को चेन्नई में हुई डीएमके पार्टी की महापरिषद की बैठक में स्टालिन को पार्टी अध्यक्ष चुना गया। इससे पहले स्टालिन डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष थे। इसके अलावा पार्टी कोषाध्यक्ष के लिए वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रधान सचिव दुरईमुरुगन को भी पार्टी का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है। स्टालिन के अध्यक्ष बनने से उनके समर्थक जश्न में डूबे हैं।
[amazon_link asins=’B076H51BL9′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’c2ab1a1a-aa87-11e8-ac06-01a487eafad6′]
बता दें कि स्टालिन का डीएमके के दूसरे अध्यक्ष के रूप में चुनाव निर्विरोध तरीके से हुआ। क्योंकि पार्टी के 65 जिलों के सचिवों ने पार्टी के शीर्ष पद के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया था। उनके विरोध में कोई नामांकन नहीं हुआ। दिवंगत एम करुणानिधि के बीमार रहने के कारण एम के स्टालिन को जनवरी 2017 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बीते रविवार को स्टालिन ने पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन भरा था। रविवार को औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल करने से पहले स्टालिन, दुरईमुरुगन और वरिष्ठ पार्टी नेताओं टी आर बालू तथा ए राजा ने करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल से उनके गोपालापुरम आवास पर जाकर मुलाकात की थी।

[amazon_link asins=’B074VF291J’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’d49d1057-aa87-11e8-bdf1-5bbf61aa834d’]

उनके अलावा डीएमके के वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन ने भी पार्टी कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था।नामांकन दाखिल होने के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के नामों का औपचारिक एलान किया जाना था। इसी महीने करुणानिधि का निधन हो जाने के बाद स्टालिन को पार्टी का अध्यक्ष बनाना जरूरी हो गया था।
हालांकि करुणानिधि के बड़े बेटे अलागिरी के विरोधी तेवरों से स्टालिन की ताजपोशी में कुछ अड़चने जरूर आईं। लेकिन फिर भी उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। पिछले दिनों स्टालिन ने मरीना बीच स्थित करुणानिधि के समाधि स्थल पर पत्रकारों के सामने यह दावा किया था कि पार्टी के ज्यादातर नेता और कैडर उनके साथ हैं।
[amazon_link asins=’B077L4X3PN’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’da08d9b7-aa87-11e8-a915-7b424602e80d’]
एमके स्टालिन के अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनके सामने पार्टी कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने की चुनौती है। पार्टी से निष्कासित उनके भाई अलागिरी ने दावा किया था कि करुणानिधि के सच्चे निष्ठावान कार्यकर्ता उनके साथ हैं। उन्होंने पांच सितंबर को चेन्नई में एक रैली के आयोजन की भी घोषणा की है। अलागिरी को 2014 में करुणानिधि ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था।