पुणे : समाचार ऑनलाइन – डिजिटल इंडिया के तहत स्मार्ट बनी पुणे की ट्रैफिक पुलिस द्वारा ऑनलाइन चालान काटा जा रहा है। इसमें पारदर्शिता दिखाने के लिए चौक- चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फूटेज से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते वक्त की फ़ोटो भी संबंधित वाहनचालक को भेजी जा रही है। हालांकि इसके बाद भी गलतियां हो रही है। हाल ही में गलती किसी की और सजा किसी और को जैसा मामला सामने आया है। इसमें एक दोपहिया चालक द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर उसका ऑनलाइन चालान दूसरे ही दोपहिया चालक को भेजे जाने की जानकारी सामने आई है। इससे उस वाहनचालक को बेवजह असुविधाओं का सामना करना पड़ा है।
क्या है पूरा मामला
विष्णू नारायण शिंदे के पास स्प्लेंडर प्लस (एम एच 12 / के के 7034) मोटारसाइकिल है। 27 सितंबर 2019 को पुणे ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें हेलमेट न पहनने को लेकर मोटार व्हेईकल एक्ट की धारा 129/177 के तहत मुकदमा दर्ज कर 500 रुपये का चालान भेजा है। इस चालान के साथ फोटो भी भेजी गई है। परोक्ष में जिस दिन के लिए यह चालान काटा गया है उस दिन शिंदे ने मोटरसाइकिल इस्तेमाल ही नहीं की थी। उनकी मोटरसाइकिल उस दिन घर पर ही थी। जो फ़ोटो ट्रैफिक पुलिस ने भेजी है उसमें मोटरसाइकिल पैशन प्रो है जो कि अलग है और केवल उसका और शिंदे की मोटरसाइकिल का नँबर मिलता- जुलता है।
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर पूरी जांच पड़ताल के बिना ऑनलाइन चालान भेजने की जल्दबाजी की जा रही है। डिजिटल व्यवस्था रहने से विभाग इसे नजरअंदाज कर रहा है। पुलिस का दंड रहने से लोग भी बिना कुछ कहे दंड का भुगतान कर देते हैं। इस बारे में विष्णू शिंदे ने कहा कि, मैं हमेशा हेलमेट पहनता हूँ, मेरी मोटरसाइकिल में हेलमेट लगाने की व्यवस्था भी है। 27 सितंबर को मेरी मोटरसाइकिल घर पर ही थी। ये तो दो दिन पहले मैंने खुद चेक किया कि मेरी मोटरसाइकिल पर कोई जुर्माना तो नहीं है? तब 500 रुपये का जुर्माना बकाया रहने की बात सामने आयी। जो लोग नियमों का पालन करते हैं उनके साथ इस तरह का सलूक गलत है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस के उपायुक्त प्रसाद अक्कानोरू ने कहा कि, लोग गाड़ी पासिंग के वक्त दिया गया मोबाइल नंबर बाद में बन्द कर देते हैं। जो नँबर कुछ दिन बाद मोबाइल कंपनी दूसरे ग्राहक को अलॉट कर देती है। ट्रैफिक पुलिस के पास आरटीओ का दिया हुआ ही डेटा है। शिंदे के मामले में दो मोटरसाइकिल का नँबर मिलता- जुलता रहने के चलते यह गलती हुई है। अगर शिंदे ट्रैफिक विभाग में अर्जी देते हैं तो उन्हें जुर्माना की राशि लौटा दी जाएगी।
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