मिशन ब्रेक द चेन: मिनी लॉकडाउन लगाना कब और कैसे तय हुआ?; ‘सामना’ से हुआ खुलासा   

मुंबई : राज्य में मिनी लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के सभी विपक्षी दलों के साथ विचार-विमर्श किया। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे से सहयोग की उम्मीद की। शिवसेना ने कहा है कि फडणवीस और राज ठाकरे द्वारा कोरोना से निपटने में सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देने के बाद ही मुख्यमंत्री ने सख्त प्रतिबंध की घोषणा की।

कोरोना से लड़ने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए  ‘मिशन ब्रेक द चेन’ के बारे में सामना के संपादकीय के माध्यम से बताया गया है। भाजपा के साथ मनसे भी  बंद का पुरजोर विरोध कर रही थी। पार्टियों ने मांग की कि लॉकडाउन की घोषणा से पहले लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। इसलिए, यह संदेह था कि अगर सरकार ने कोई फैसला लिया तो यह पार्टी सहयोग करेगी या नहीं। अगर इन दलों ने विरोध की भूमिका को नहीं छोड़ा होता, तो लॉकडाउन का कोई फायदा नहीं होता। कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाती। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने खुद फडणवीस और राज ठाकरे के साथ बातचीत की थी। शिवसेना ने कहा है कि सरकार ने उसके बाद ही लॉकडाउन की घोषणा की है।

लॉकडाउन और कर्फ्यू की चर्चा एक तरफ शुरू होने के बावजूद लोगों में बेफिक्री को लेकर शिवसेना ने चिंता व्यक्त की है। ‘एक तरफ कोरोना भयानक तरीके से बढ़ रहा है,  दूसरी तरफ रविवार शाम को  जुहू की चौपाटी पर भारी भीड़ देखी गई। पुणे के मंडी और बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं है। पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार को देखते हुए, यह संदेह हो रहा है कि क्या कोरोना को कुचल दिया गया है।

मोदी भगवान का अवतार नहीं है!

‘प्रधानमंत्री मोदी, क्या आप भगवान के अवतार हैं?’ यह सवाल ममता बनर्जी ने गुस्से से पूछा वो बिल्कुल सही है। मोदी निश्चित रूप से भगवान के अवतार नहीं हैं। अगर ऐसा होता तो वह जादू की छड़ी से छूमंतर कर कोरोना को हरा देते।’ शिवसेना ने सामना के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा।