नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- सरकार द्वारा 1 सितंबर से नया संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट प्रभाव में लाया गया है. इसके बाद से ट्रैफिक पुलिस द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मुहीम छेड़ रखी है, जिसके चलते नियमों का उल्लंघन करने वालों से भारी जुर्माना वसूला जा रहा है. हालांकि इस दौरान ट्रैफिक पुलिस के बुरे बर्ताव के कुछ मामले सामने आए हैं. कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी द्वारा नए नियमों के नाम पर निर्दोष लोगों को जबरन तंग किया जा रहा है.
ऐसे में जरूरी है कि आप अपने अधिकारों के बारे में जानें. हाल ही में RTI के जरिए कई खुलासे हुए हैं, जो आपको ट्रैफिक नियमों को लेकर आपके अधिकारों की जानकारी देते हैं. फरीदाबाद (हरियाणा) के एक RTI एक्टिविस्ट अनुभव सुखीजा द्वारा इस संबंध में एप्लीकेशन दी गई थी, जिसमें यह निम्नलिखित जानकारियां हासिल हुई है…
1) कोई भी वाहन चालक पुलिसकर्मी के साथ बातचीत के दौरान कैमरा इस्तेमाल कर सकता है.
2) ट्रैफिक पुलिसकर्मी को फोन और कैमरा जबरजस्ती लेने या तोड़ने का हक नहीं है.
3) ड्राइविंग करते समय अगर किसी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) जैसे डॉक्यूमेंटस नहीं हैं, तो चालक मोबाइल पर पुलिसकर्मी को डॉक्यूमेंटस दिखा सकता है.
4) ड्राइविंग के समय गाड़ी में हॉकी, क्रिकेट बैट, विकेट आदि सामान रखने पर रोक नहीं है. हाँ, लेकिन अवैध हथियार रखना दंडनीय अपराध है.
5) ड्राइविंग के समय चालक व चालक के साथ बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट लगाना जरूरी है. हालांकि अगर कोई महिला गर्भवती है या चोट आदि है तो मानवता के आधार पर सीट बेल्ट से छूट मिल सकती है.
6) कोई व्यक्ति पुलिस स्टेशन में किसी काम के लिए जाता है, तो वह अपनी गाड़ी को थाने में किसी निश्चित पार्किंग वाली जगह पर पार्क कर सकता है.
7) पुलिसकर्मी हाथ से इशारा करके गाड़ी रुकवा सकता है व चेक कर सकता है. अगर कोई चालक पुलिसकर्मी द्वारा दिए गए इशारे पर अपना वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का अधिकार है. लेकिन पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति के साथ ना तो बत्तमीजी, न तो गाली और न ही मारपीट कर सकता है.
8) अगर प्राइवेट वाहन में कमर्शियल उद्देश्य के लिए कोई सामान ले जाया जाता है, तो पुलिस उसका बिल चेक कर सकता है.