पिंपरी मनपा की सड़क के लिए एमआईडीसी सवा एकड़ जमीन देने को राजी

पिंपरी-समाचार ऑनलाईन- रावेत, किवले, मामुर्डी व शिंदेवस्ती के नागरिकों के प्राधिकरण में आवागमन के लिए एमआईडीसी ने अपने कब्जे की सवा एकड़ जमीन मनपा को दी है। इस निर्णय के बाद विधायक गौतम चाबुकस्वार ने कहा कि 15 वर्षों से लंबित मुद्दे के समाधान से नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।

रावेत, किवले, मामुर्डी व शिंदेवस्ती में सड़क नहीं होने की वजह से इन गांवों के अलावा अन्य नागरिकों को 18 वर्षो से रावेत स्थित स्वप्नपूर्ति हाउसिंग सोसायटी के सर्विस रोड से आना-जाना पड़ता है। इस निर्णय से सबको राहत मिलेगी।
हाल ही में मुंबई स्थित मंत्रालय में उद्योगमंत्री सुभाष देसाई के कार्यालय में विशेष बैठक आयोजित करने की अपील विधायक गौतम चाबुकस्वार ने की थी।

उस वक्त मनपा व एमआईडीसी ने संयुक्त रूप से समीक्षा कर नागरिकों की सुविधाओं के लिए सड़क का निर्माण कैसे होगा, इस पर एक रिपोर्ट देने का निर्णय लिया था। इस विषय पर आयोजित बैठक में दोनों संस्थाओं ने अपनी रिपोर्ट उद्योगमंत्री के समक्ष रखी। बैठक में विधायक गौतम चाबुकस्वार, उद्योग मंत्रालय के उप सचिव डॉ। एन।के। भोसले, एमआईडीसी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर एस।एस। मलाबादे, प्रादेशिक अधिकारी संजीव देशमुख, पिंपरी मनपा के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर डी।एस। सुपेकर व डिप्टी इंजीनियर एस।एन। मुठाल आदि उपस्थित थे।

रावेत स्थित सर्वे नंबर 155 में 98 फ्लैट वाली स्वप्नपूर्ति हाउसिंग सोसायटी है। इस सोसायटी की अंदरुनी सड़क के पास नर्मदा सोसायटी के नागरिक और रावेत, किवले, शिंदेवस्ती, आदर्शनगर, विकासनगर, मामुर्डी, शुभम पार्क, निसर्ग दर्शन व परमार कॉम्पलेक्स में रहने वाले नागरिक आना-जाना करते हैं। स्वप्नपूर्ति सोसायटी के खिलाफ अन्य की लड़ाई चल रही थी। आखिरकार इस समस्या का हल ढूंढने के लिए विधायक गौतम चाबुकस्वार ने उद्योगमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि स्वप्नपूर्ति की सीमा की दीवार के पीछे स्थित एमआईडीसी की जगह अगर सड़क के लिए दी जाती है तो नागरिकों की बहुत सारी परेशानियों का हल हो जाएगा।

मनपा के अधिकारी इसे मंजूरी देते हुए एमआईडीसी की जमीन देते हैं तो हम पैसा देने के लिए भी तैयार है। एमआईडीसी ने शहरी हितों का ध्यान रखते हुए 350 मीटर यानी सवा एकड़ जमीन देने को मंजूरी दी है। इस तरह लंबे समय से लंबित इस समस्या का समाधान हो गया है। इस निर्णय से मनपा के सामने सड़क निर्माण का जो मुद्दा था उसके हल होने से नागरिकों को परेशानियों से बड़ी राहत मिली है। यह भी साफ हो गया कि स्वप्नपूर्ति की जमीन सार्वजनिक नहीं है। इस बैठक के निर्णय की जानकारी मिलते ही नर्मदा व स्वप्नपूर्ति के नागरिकों ने पटाखे छोड़कर इस निर्णय का स्वागत किया।