कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए माइक्रो प्लानिंग

विधायक महेश लांडगे ने की प्रशासन व पदाधिकारियों के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक
संवाददाता, पिंपरी। महामारी कोरोना के पहले और दूसरे दौर रही खामियों को दूर करने के साथ तीसरी लहर से निपटने के लिए पिंपरी चिंचवड मनपा के प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा एकत्रित आकर माइक्रो प्लानिंग की जा रही है। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों के लिए है, उसी में म्युकर मायकोसिस के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसके मद्देनजर सोमवार को भाजपा शहराध्यक्ष तथा विधायक महेश लांडगे ने अधिकारियों और पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की।
मनपा आयुक्त राजेश पाटील ने बताया कि, आगामी दिनों में कोरोना के खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने उससे निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग में मनुष्यबल की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती प्रक्रिया चलाई जाएगी। अकुशल कर्मचारियों की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षित करने की सकारात्मक नीति तय करने का विचार किया जा रहा है। इस बैठक में महापौर ऊषा उर्फ माई ढोरे, सभागृह नेता नामदेव ढाके, उपमहापौर हिरानानी घुले, स्थायी समिती सभापति एड नितीन लांडगे, मनपा आयुक्त राजेश पाटील, अतिरिक्त आयुक्त विकास ढाकणे, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अनिल रॉय, सहायक चिकित्सा अधिकारी डॉ परमेश्वर गोफणे आदि उपस्थित थे।
इस बैठक में वार्ड व ग्राम स्तर पर कोरोना नियंत्रण समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं से सहयोग लिया जाएगा।  पिछले दो साल शहर में कोरोना नियंत्रण पर जितना खर्च किया गया, विधायक लांडगे ने प्रशासन को उस खर्च में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी करने के निर्देश दिए हैं। इस पर कार्रवाई करने के लिए मनपा आयुक्त राजेश पाटिल ने गवाही दी है। उन्होंने कहा कि, छोटे बच्चों के लिए खतरे को ध्यान में लेकर मनपा द्वारा नियोजन कर लिया गया है। चिखली के घरकुल में शुरू कोविड केयर सेंटर में छोटे बच्चों का उपचार किया जाएगा। इसके अलावा वाईसीएम हॉस्पिटल में 30 आईसीयू, 150 ऑक्सीजन और 12 एनआईवी बेड का प्रबंध किया गया है। पिंपरी के जिजामाता हॉस्पिटल में 100 ऑक्सीजन बेड, 2 एनआयवी व 12 आयसीयू बेड का प्रबंध किया गया है।
म्यूकर मायकोसिस के लिए 22 स्पेशलिस्ट की टीम
म्युकर मायकोसिस के उपचार के लिए पर्याप्त दवा की आपूर्ति की जानी चाहिए। संबंधित मरीजों का तत्काल ऑपरेशन किया जाए। प्रशासन इसके लिए आवश्यक यंत्रणा स्थापित करने की कार्रवाई करने को तैयार है।  म्यूकोसल माइकोसिस के मरीजों का इलाज महात्मा फुले जनारोग्य योजना के तहत किया जाएगा।  फिलहाल इस बीमारी के मरीजों का इलाज वाईसीएम अस्पताल में चल रहा है। प्रशासन ने शहर में इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए 22 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाई है। इसके साथ ही, प्रशासन उन म्यूकर माइकोसिस के रोगियों की मदद कर रहा है जिनका इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है। मनपा की ओर से अब तक करीबन साढ़े आठ लाख लोगों की टेस्ट की गई है। यह टेस्टिंग 100 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए होम टू होम टेस्टिंग को लेकर प्रशासन सकारात्मक है। हालांकि इसके लिए क्वारंटाइन की कड़ी अमलबाजी भी करनी होगी। मनपा द्वारा शहर के स्ट्रीट वेंडर्स, सब्जी, खाद्य पदार्थ बिक्रेता, फेरीवाले, दिहाड़ी मजदूर आदि की टेस्टिंग को प्राथमिकता दी जाएगी।