नागपुर के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट भविष्य  के विकास का रास्ता खोलेगा : डॉ। ब्रिजेश दीक्षित

नागपुर : समाचार ऑनलाईन – महामेट्रो द्वारा नागपुर में मेट्रो प्रोजेक्ट पर अमल जारी है। वहां मेट्रो के एक रूट का कार्य पूरा हो गया है। नागपुर शहर के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट भविष्य का सोल्यूशन साबित हो गया है। नागरिकों में मेट्रो के प्रति काफी उत्साह है। मल्टीलेयर ट्रान्स्पोर्ट सिस्टम से नागरिकों की काफी समस्याएं दूर हो जाएगी। महामेट्रो के एम।डी। डॉ। ब्रिजेश दीक्षित ने पत्रकारों से बातचित में यह जानकारी दी।

महामेट्रो द्वारा नागपुर और पुणे शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट पर अमल किया जा रहा है। दोनों शहरों के डीपीआर एक साथ बनाए गए। लेकिन अंतिम मंजूरी में नागपुर मेट्रो ने बाजी मारने के बाद वहां का कार्य भी जल्द शुरू हो गया। दोनों शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट काफी अलग है।

चाइना से आए ट्रेन कोच
नागपुर मेट्रो के लिए तीन कोच की एक ट्रेन है। अच्छी टेंडर प्रक्रिया करने से डीपीआर में दर्ज रकम से भी सस्ते दरों में महामेट्रो को ट्रेन मिली। चाइना की सीआरआइसी कंपनी से इन्हें लिया जा रहा है। संबंधित कंपनी को अगले 5 वर्षों तक मेन्टेनेंस भी करना होगा। कुल 23 ट्रेन यहां पर उपलब्ध होगा। एक ट्रेन में तीन कोच होंगे। एक कोच की कैपेसिटी 300 लोगों की है। इसके अनुसार एक ट्रेन में एक समय पर 900 लोग यात्रा कर सकते है।

अन्य प्रकार इन्कम पर जोर
नागपुर मेट्रो के लिए केंद्र, राज्य तथा मनपा की ओर से फंडिंग की गई है। साथ ही तिकट बिक्री के अलावा अन्य प्रकार के इन्कम से 60 प्रतिशत इन्कम जुटाई जा रही है। इसके लिए विभिन्न विकल्पों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक प्रतिशत अतिरिक्त स्टैम्प ड्यूटी, मेट्रो रूट के दोनों ओर टीओडी दिया जा रहा है। इससे मिलने वाली इन्कम मनपा और मेट्रो को 50-50 प्रतिशत ली जा रही है। साथ ही महामेट्रो द्वारा नेशनल हाई-वे अ‍ॅथोरिटी के जो फ्लाइओवर के कार्य जारी है। उनका निरीक्षण करने पर इंस्पेक्शन चार्जेस भी मिल रहे है।
65% सोलर एनर्जी का इस्तेमाल
नागपुर मेट्रो के स्टेशन की छत पर सोलर पैनल लगाए गए है। महामेट्रो द्वारा ज्यादा से ज्यादा सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। मेट्रो प्रत्यक्ष चलाने हेतु बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है। शेष ऑपरेटिंग सिस्टम, मेट्रो स्टेशन तथा अन्य सभी जगहों पर सोलर एनर्जी का इस्तेमाल किया जा रहा है। करीब 65 प्रतिशत सोलर एनर्जी का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्काडा सिस्टम के जरिए प्रति दिन सोलर से कितनी एनर्जी पैदा हुई, कितनी एनर्जी का इस्तेमाल किया गया। यह सभी जानकारी प्रति दिन उपलब्ध है।

 मेट्रो कार्ड का इस्तेमाल

मेट्रो से यात्रा करने हेतु टिकट निकालने पर टोकन के बजाय टिकट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। स्टेशन पर एन्ट्री करने के बाद पहले टिकट निकालना होगा। मेट्रो कार्ड का भी विकल्प है। मेट्रो कार्ड को बरकरार रखने उसे टॉपअप करने की जरूरत होगी। साथ ही दिव्यांगों के लिए स्टेशन्स पर फर्श इस प्रकार से लगाई गई है, उन्हें आसानी से टिकट काउंटर तथा मेट्रो तक जाने में आसानी होगी।

बनेगा कंट्रोल रूम सभी मेट्रो ट्रेन को कंट्रोल करने तथा महामेट्रो का कामकाज चलाने दिक्षाभूमि परिसर में मेट्रो हाउस तथा कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। फिलहाल खापरी से सिताबर्डी रूट पर चलने वाली मेट्रो का खापरी स्टेशन में कंट्रोल रूम है। बाद में दोनों रूट शुरू होने पर दिक्षाभूमि परिसर में कंट्रोल रूम होगा।

डिपो 15 एकड़ में नागपुर मेट्रो के दो रूट के लिए दो डिपो बनाए जाएंगे। उनमें से एक डिपो खापरी तथा दूसरा डिपो लोकमान्य नगर डिपो है। खापरी डिपो कार्यरत है। 15 एकड़ की जगह में खापरी डिपो बनाया गया है। डिपो में ट्रेन मेन्टेनेंस की सभी सुविधाएं उपलब्ध है। ट्रेन को अंदर और बाहर से वॉशिंग कर सकते है। इलेक्ट्रिक संबंधी कार्य तथा अन्य कार्य करने अलग-अलग सेक्शन बनाए गए है। नए ट्रेन को हिस्सों में लाकर यहीं पर जोड़ा जाता है।