#MeToo कैंपेन के कारण ‘सिम्बायसीस’ में खलबली, प्रोफ़ेसरों पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप

पुणे | समाचार ऑनलाइन

पिछले कुछ दिनों में, सिम्बियोसिस सेंटर फॉर मीडिया एंड कम्युनिकेशन छात्रों  ने ट्विटर और फेसबुक के जरिये कॉलेज कैंपस के अंदर हो रहे यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और धमकियां दी जाने की बात सामने ला रहे है। 10 छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए अपने अनुभव बताया है।

सिम्बियोसिस सोसाइटी के मुख्य निर्देशक विद्या यरवदेकर और एससीएमसी पुणे के निदेशक अनुपम सिद्धार्थ ने यह पुष्टि की है कि, कई छात्रों ने संस्थान में हो रहे अत्याचारों के बारे में सोशल मीडिया पर  लिखा है, उन्होंने कहा कि, छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर बताये गए यौन उत्पीड़न के बारे में संस्थान जल्द जांच करेगी।

पुणे के तिलक रोड में फ्लैट में लगी आग

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हालांकि ज्यादातर शिकायते यह है की छात्र ही छात्र को यौन उत्पीड़न का शिकार बनते है लेकिन कुछ मामलों में छात्रों ने कॉलेज डिपार्टमेंट के कुछ शिक्षकों पर भी अनुचित व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है।

सोशल मीडिया पर किये गए कुछ पोस्ट में, छात्रों ने निर्देशक सिद्धार्थ पर भी आरोप लगाया है , छात्रों द्वारा शिकायत करने के बाद भी अभी तक कुछ भी कार्रवाई नहीं की गई। सिद्धार्थ ने इस आरोप को झूठा बताते हुए कहा उन्हें आज तक सिर्फ एक ही शिकायत आयी,  2018 के शुरुआत में एक छात्र ने  छेडख़ानी की शिकायत की थी,  इस शिकायत के बाद डिपार्टमेंट द्वारा कार्रवाई की गई  थी। जब उनसे उनपे लगे हुए आरोप के बारे में पूछा गया तो ,उन्होंने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से इस सब बारे में पता चला है इससे पहले उन्हें इन सब के बारे में कुछ भी पता नहीं था ।

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