नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – भारत कृषि प्रधान का देश है। जिससे यहां के हर साल होने वाले मानसून का सीधा असर देश के इकोनॉमी पर पड़ता है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, इस साल अच्छी बारिश होने का अनुमान है। आईएमडी ने बताया है कि अलनीनो का असर कम रहने की संभावना है। जिसके चलते इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रह सकता है।
Meteorological department predicts near normal South West monsoon, this year. pic.twitter.com/v7GBJx4GyN
— ANI (@ANI) April 15, 2019
मौसम विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक, जून-सितंबर तक चलने वाले मॉनसून सीजन के दौरान लॉन्ग टर्म एवरेज की तुलना में 96 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। उसके अनुमान में 5 फीसदी कम या ज्यादा का अंतर हो सकता है, लेकिन कुल मिलकर अच्छी बारिश होने का अनुमान है।
क्या आपको पता है क्या है अलनीनो –
प्रशांत महासागर में पेरू के पास समुद्री तट के गर्म होने वाली घटना को अलनीनो कहा जाता है। पिछले कुछ सालों से प्रशांत महासागर की सतह का तापमान बढ़ रहा है। अलनीनो की वजह से समुद्री हवाओं का रुख बदल जाता है। इसके चलते ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में बारिश नहीं होती और इसके उलट जिन इलाकों में बारिश नहीं होती है, वहां मूसलाधार बारिश होती है। भारत में साल भर होने वाली बारिश में 70 फीसदी योगदान मॉनसून सीजन का ही होता है। इससे जलाशय भर जाते हैं और फसलों की सिंचाई में मदद मिलती है।
देश में बारिश का महत्व –
भारत में कृषि के लिए मॉनसून सीजन की खासी अहमियत है। इससे फसलों की सिंचाई में मदद मिलती है। इससे करोड़ों लोगों को आजीविका मिलती है और खाद्य पदार्थों की कीमतें भी प्रभावित होती हैं। दुनिया में भारत चावल, गेहूं और कॉटन का दूसरा बड़ा उत्पादक है। कम बारिश से इनके उत्पादन में कमी आती है। साथ ही इडिबिल ऑयल जैसी कमोडिटीज का ज्यादा आयात करना पड़ता है।