पानी की किल्लत दूर करने के लिए महापौर ने दिया 2 दिन का अल्टीमेटम

पिंपरी । संवाददाता – ऐन त्योहारी सीजन में भी पूरे पिंपरी चिंचवड शहर में पानी की किल्लत बनी हुई है। उसी में मनपा प्रशासन पानी की कटौती के फैसले पर विचार कर रहा है। इस मुद्दे पर जहां विपक्षी दल शनिवार की सर्व साधारण सभा में प्रशासन और सत्तादल को घेरने की तैयारी में जुटा है। वहीं खुद सत्तादल भाजपा भी आक्रामक नजर आ रहा है। बुधवार को जलापूर्ति विभाग की बैठक में पानी की किल्लत के मसले पर घमासान छिड़ा। प्रशासन की टालमटोल और गोलमोल जवाब से महापौर राहुल जाधव भड़क उठे। उन्होंने खुद शनिवार को आंदोलन की चेतावनी दी और बैठक से बाहर निकल गए। उनके आक्रामक तेवर से पूरा सभागृह अचंभित रह गया।

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महापौर जाधव की अगुवाई में आज मनपा के विशेष सभागृह में जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों, मनपा पदाधिकारी और नगरसेवकों की संयुक्त बैठक संपन्न हुई। इसमें मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर, सभागृह नेता एकनाथ पवार, विपक्ष के नेता दत्ता साने, शिवसेना गुटनेता राहुल कलाटे, नगरसेवक शत्रुघ्न काटे, चंद्रकांत नखाते समेत कई नगरसेवक और जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी रही। पवना बांध में पर्याप्त पानी संचय रहने के बाद भी किल्लत क्यों? यह सवाल उठाते हुए महापौर समेत अन्य नेताओं ने प्रशासन को आड़े हाथ लिया। उनके सवालों के सटीक जवाब तक देने में अधिकारी वर्ग नाकाम साबित हुआ। यहां तक कि मनपा आयुक्त के सवालों का भी उनके पास कोई जवाब न था।

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सिंचाई विभाग ने पवना बांध से पिंपरी चिंचवड को की जानेवाली जलापूर्ति का समय छह की बजाय तीन घन्टे कर दिया। इस अहम जानकारी से तक मनपा के अधिकारी अनजान नजर आए। महापौर राहुल जाधव के साथ फोन पर चर्चा के बाद जलापूर्ति का समय पूर्ववत किया गया। इसके बावजूद पानी की किल्लत दूर न हो सकी है। केवल जलापूर्ति विभाग के नियोजन के अभाव में शहरवासी ऐन त्योहारी सीजन में पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। अधिकारियों के गोलमोल जवाब से भड़के महापौर जाधव ने दो दिन के भीतर जलापूर्ति व्यवस्था सुचारू करने के आदेश दिए। सतब ही ऐसा न करने की सूरत में शनिवार को मनपा की सर्व साधारण सभा में खुद सत्तादल की ओर से आंदोलन करने की चेतावनी दी। बहरहाल इस पूरे मामले से प्रशासन पर सत्तादल और मनपा आयुक्त दोनों का कोई नियंत्रण नहीं रहने की बात फिर साबित हो गई है।

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