Maratha Reservation : महाविकास आघाडी सरकार के आधे मंत्रियों का मराठा आरक्षण को लेकर विरोध ; गिरीश महाजन का बड़ा आरोप 

जलगांव, 29 मई : मराठा आरक्षण हमारी सरकार ने मंजूर किया था।  लेकिन बाद में महाविकास आघाडी दवारा इसके लिए सही तरह से अपना पक्ष नहीं रखने की वजह से आरक्षण को नकार दिया गया।  इस पर अब चर्चा हो रही है. छत्रपति संभाजीराजे भोसले हमारी पार्टी के है वे मराठा आरक्षण के संदर्भ में 7 जून को क्या बोलते है, वह देखेंगे।  पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने यह बयान दिया है।  इसके साथ ही उन्होंने महाविकास आघाडी सरकार में आधे मंत्रियों के आरक्षण को लेकर विरोध होने का बड़ा आरोप लगाया है।

मोदी सरकार के 7 साल पुरे होने के मौके पर जलगांव जिला भाजपा दवारा दिव्यांगों को जीवनावश्यक वस्तुओं का किट वितरित किया गया।  इस कार्यक्रम के बाद गिरीश महाजन पत्रकारों से बात कर रहे थे।  इस दौरान उन्होंने मराठा आरक्षण को लेकर बयान दिया।  इस दौरान विधायक सुरेश भोले, महानगराध्यक्ष दीपक सूर्यवंशी, पूर्व विधायक स्मिता वाघ सहित भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

राज्य सरकार की असफलता

उन्होंने कहा कि राज्य में जब भाजपा की सरकार थी तो मराठा समाज को परिपूर्ण आरक्षण दिया गया था।  आरक्षण के आधार पर तकनीकि दृष्टि से पूरा पक्ष तैयार किया गया था।  इसके बाद आरक्षण दिया गया।  हाई कोर्ट में आरक्षण को चुनौती दी गई थी।  उस वक़्त सरकार ने सही तरह से पक्ष रखकर आरक्षण को बचाया था।  इसके बाद मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।  यहां पर महाविकास आघाडी सरकार सही तरह से अपनी बात नहीं रख पाई। इसलिए आरक्षण रद्द हो गया।

आरक्षण को नकार दिया गया इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार नहीं है।  महाविकास आघाडी सरकार के वकील कोर्ट में अपना पक्ष ठीक से नहीं रख पाए।  इसलिए आरक्षण को नकार दिया गया।  छत्रपति संभाजीराजे भोसले को भी पता है किसकी वजह से आरक्षण रद्द हुआ है।  ऐसे में उनका रुख क्या रहता है इसपर नज़रे टिकी हुई है।

आधे मंत्रियों का आरक्षण को लेकर विरोध

महाविकास आघाडी सरकार तीन दलों की होने की वजह से उनमें एक-दूसरे में मतभेद है।  मंत्रिमंडल के आधे मंत्री आरक्षण के विरोध में है।  इसलिए यह स्थिति पैदा हुई है.

मुक्ताईनगर में पार्टी में बदलाव पर बोलने से बचे

मुक्ताईनगर नगर पंचायत के भाजपा के चार नगरसेवक हाल ही में शिवसेना में शामिल हो गए।  इस संदर्भ में जब पत्रकारों ने सवाल किया तो गिरीश महाजन ने इस विषय में बोलने से मना करते हुए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।