Maratha Reservation : चंद्रकांत पाटिल को महाराष्ट्र को उत्तर प्रदेश बनाना है क्या ? कांग्रेस का सवाल 

मुंबई, 28 मई : पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रचार करने के लिए कोरोना के सभी नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लापरवाही से देश में कोरोना की दूसरी लहर ने पांव पसार लिए। महाराष्ट्र के 21 से अधिक जिलों में कोरोना मरीजों के मिलने की दर औसत से अधिक होते हुए भी मराठा आरक्षण के लिए लोगों से सड़क पर उतरकर संघर्ष करे नहीं तो वक़्त चला जाएगा। इस तरह लोगों को भड़काने का प्रयास करने वाले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल को महाराष्ट्र को उत्तर प्रदेश बनाना है क्या ? इस तरह तीखा सवाल करते हुए खुद राजनीतिक स्वार्थ के लिए भाजपा नेता छत्रपति संभावजीराजे पर दबाव डालने का पाप नहीं करे. यह चेतावनी महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता डॉ. संजय लाखे पाटिल ने दी है।

भाजपा की तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार और मोदी सरकार के कारण मराठा आरक्षण को स्थगित किया गया है।  यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से साफ़ होता है। इसका राजनीतिक नुकसान नहीं हो इसलिए बार-बार झूठ बोलकर अपने पाप की जिम्मेदारी महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार पर मढ़ने का प्रयास देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल के साथ राज्य के नेता कर रहे है. राज्य के 21 जिलों में कोरोना मरीजों के मिलने की गति औसत से अधिक है।  यह राज्य के मंत्रिमंडल के सामने रखी रिपोर्ट से साफ हुआ है। इसक बावजूद अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए विनायक मेटे जैसे बुजुर्गो को आगे कर मराठा आरक्षण आंदोलन के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की साजिश भाजपा ने रची है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अब मराठा समाज को आरक्षण केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति दे सकते है।  भाजपा को आरक्षण की इतनी ही चिंता है तो उसे संसद का विशेष अधिवेशन बुलाकर मराठा आरक्षण पर निर्णय ले।
राजनीतिक स्वार्थ के लिए छत्रपति पर दबाव डालने का प्रयास 
मराठा आरक्षण के मामले में भाजपा का दोहरा चेहरा सामने आ गया है।  राज्य की जनता का अब भाजपा पर विश्वास नहीं है।  जनता के सामने मुँह दिखाने की हिम्मत नहीं रही इसलिए चंद्रकांत पाटिल छत्रपति संभाजीराजे को आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए दबाव डालने का प्रयास कर रहे है।  कांग्रेस ने  लता मंगेशकर जैसे कई महान कलाकारों को भारत रत्न दिया है। विभिन्न क्षेत्रों के कई लोगों को राज्य सभा भेजा लेकिन कभी भी उनका इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं किया।  लेकिन सत्ता जाने से बौखलाए चंद्रकांत पाटिल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए छत्रपति पर दबाव डाल रहे है। मराठा समाज इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।  चंद्रकांत पाटिल झूट बोलकर मराठा समाज के युवाओँ को भड़काना बंद नहीं किया तो मराठा समाज उन्हें अच्छा सबक सिखाएगा।