लापरवाही से गई माराडोना की जान, परिवार के इस आरोप की जांच के लिए डॉक्टर के घर और ऑफिस पर पुलिस ने मारा छापा 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : अर्जेंटीना के जाने-माने फ़ुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना की मौत पर सवाल उठ रहे हैं। 60 वर्ष के माराडोना का 25 नवंबर को हार्ट अटैक की वजह से अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आइरस स्थित उनके घर में निधन हो गया था। माराडोना के वकील मटियास मोरला ने उनके निधन की जानकारी सार्वजनिक की थी।

अर्जेंटीना की स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार इस महान खिलाड़ी की मौत कार्डिएक अरेस्ट के चलते हुई। खबरों के अनुसार जब माराडोना को हार्ट अटैक आया तो वह उस वक्त अपने घर पर ही मौजूद थे। दो हफ्ते पहले दिमाग में ब्लड की क्लॉटिंग के चलते ब्रेन सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद वह घर पर ही रिकवरी से गुजर रहे थे। माराडोना के निजी डॉक्टर, न्यूट्रलॉजिस्ट लियोपोल्डो ल्यूक ने उनकी मौत को लेकर कहा है कि उन्हें हार्ट अटैक आने के पीछे दुर्घटना एक कारण हो सकती है। वह ब्रेन सर्जरी के बाद ब्यूनोस एयर्स हॉस्पिटल से घर के प्राइवेट होम में एक हफ्ते पहले ही शिफ्ट हुए थे।

माराडोना का परिवार और वकीलों का मानना है कि डॉक्टर ने इलाज के दौरान लापरवाही की थी। इसी वजह से उनकी जान गई। माराडोना की बेटी ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर्स की तरफ से उन्हें सही दवाई नहीं दी गई थी, इसी वजह से उनकी जान गई।  इसी की जांच के लिए पुलिस ने डॉक्टर लीयोपोल्डो लुके के क्लीनिक और घर पर छापेमारी की है।

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि माराडोना के इलाज के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही तो नहीं की गई थी। माराडोना के वकील मटियास मोरला ने इस मामले में विस्तृत जांच की मांग की है। मोरला ने कहा है कि माराडोना के घर एम्बुलेंस पहुंचने में 30 मिनट से भी ज्यादा का समय लग गया था। उन्होंने सीधे-सीधे अस्पताल पर इलाज में देरी करने का भी आरोप लगाया है।