नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : सैलरी अकाउंट के कई फायदे हैं, पर हम में कई लोग इसे जानते तक नहीं। इस अकाउंट का सिर्फ सैलरी लेने के लिए ही इस्तेमाल करते हैं। बैंक भी कभी इन फायदों का आपसे कोई जिक्र नहीं करता। सबसे पहली बात यह है कि कर्मचारी को सैलरी अकाउंट में जीरो क्वार्टली बैलेंस रखने की इजाजत होती है और साथ ही यह अकाउंट जीरो बैलेंस पर भी खोला जा सकता है। अमूमन बैंक में खाता खोलने के लिए 1000 रुपये डिपॉजिट करने होते हैं।
इसके अलावा, साधारण अकाउंट के एटीएम इस्तेमाल करने पर दूसरे बैंक चार्ज करते हैं। नए नियमों के मुताबिक, सैलरी अकाउंट के एटीएम (ATM) से पैसा निकालने में दूसरे बैंक से 3 बार मुफ्त पैसे निकालने और अपनी ब्रांच पर मुफ्त में पैसे निकालने की सुविधा भी मिलती है।
अलग-अलग इम्प्लॉइज की सैलरी के हिसाब से SBI सैलरी अकाउंट के 4 वेरिएंट्स हैं- प्लेटिनम, डायमंड, गोल्ड और सिल्वर। 5 हजार से 20 हजार कमाने वाले सिल्वर, 20 हजार से 50 हजार कमाने वाले गोल्ड, 50 हजार से 1 लाख डायमंड और 1 लाख से ज्यादा कमाने वालों का प्लेटिनम वेरिएंट का अकाउंट होता है।
इसी वेरिएंट के हिसाब से आपको डेबिट कार्ड मिलेगा। अपना अकाउंट अपग्रेड करने के लिए आपको बढ़ी हुई सैलरी का प्रूफ देना होगा। सैलरी अकाउंट खुल जाने के बाद आपको अकाउंट नंबर दिया जाएगा। कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से एंप्लॉयर द्वारा सैलरी खाते में डाल दी जाएगी। कर्मचारी अपना सैलरी अकाउंट देश की किसी भी ब्रांच में खोल सकते हैं।
जानें, और भी क्या-क्या है फायदे-
-आप वैल्थ सैलरी अकाउंट भी खोल सकते हैं। इसके तहत बैंक आपको डेडिकेटिड वेल्थ मैनेजर देता है। यह मैनेजर आपके बैंक से जुड़े तमाम काम देखता है।
-कुछ बैंक पेरोल अकाउंट्स को क्रेडिट कार्ड देने, ओवरड्राफ्ट, सस्ते लोन, चेक, पे ऑर्डर व डिमांड ड्राफ्ट की फ्री रेमिटेंस, फ्री इंटरनेट ट्रांजेक्शंस जैसी सुविधाएं भी देते हैं।
-एक बैंक से दूसरे बैंक में अकाउंट बदलने के लिए भी सैलेरी अकाउंट के मामले में बैंक इसका प्रोसेस आसान रखते हैं। बेशक वे इसमें कुछ शर्ते जरूर रखते हैं।
-बैंक आपको पर्सनलाइज्ड चेक बुक देता है, जिसके हर चेक पर आपका नाम छपा होता है। आप बिल भुगतान की सुविधा ले सकते हैं, नहीं तो फोन या इंटरनेट के जरिए पेमेंट्स कर सकते हैं।
– सेफ डिपॉजिट लॉकर, स्वीप-इन, सुपर सेवर फैसिलिटी, फ्री पेबल-एट-पार चेकबुक, मुफ्त इंस्टाअलर्ट्स, फ्री पासबुक और फ्री ईमेल स्टेटमेंट जैसी सुविधाएं भी बैंक देते हैं।
और अंत में…अगर आपके बैंक को पता चले कि कुछ समय से आपके अकाउंट में सैलरी नहीं आ रही है तो आपको मिली तमाम सुविधाएं वापस ले ली जाती हैं और आपके बैंक अकाउंट को नॉर्मल सेविंग्स अकाउंट की तरह ही जारी रखा जाता है।