Mansukh Hiren Death : मनसुख हिरेन की वॉल्वो कार में हत्या? सचिन वाझे पर नकेल

मुंबई : ऑनलाइन टीम – मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटक से भरी गाड़ी के मामले से जुड़े मनसुख हीरेन की हत्या के मामले की जांच के बाद कई राज से पर्दा उठ रहा है। महाराष्ट्र एटीएस को मंगलवार को को दमन में एक गाड़ी मिली है। इस गाड़ी का उपयोग सचिन वाजे ने किया था। इसके साथ ही जांच में ये भी सामने आया है कि वाजे फर्जी आधार कार्ड दिखाकर एक फाइव स्टार होटल में रुका हुआ था।

इस बीच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मनसुख हिरन हत्याकांड के मामले में दमन से वोल्वो कार जब्त किया गया है। महाराष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा कि वोल्वो कार को जब्त कर लिया गया है। एटीएस ने पिछले हफ्ते मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को गिरफ्तार किया था। 25 फरवरी को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास पाए गए विस्फोटकों के साथ एसयूवी, कथित रूप से ठाणे स्थित व्यवसायी हिरन के कब्जे से चोरी हो गई थी। इस गाड़ी को जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है।

हीरेन की पत्नी ने मामले में सचिन वाजे पर आरोप भी लगाए थे। इसके बाद इस केस की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही है। इस मामले में पकड़े गए दो आरोपियों ने खुलासा किया था कि उन्होंने गुरजात से सिम खरीदे थे, इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस अहमदाबाद भी पहुंची थी। इधर जांच में पता चला है कि वाजे द्वारा दी गई जानकारी झूठी थी। आगे की जांच में बुकी नरेश गोरे ने विनायक शिंदे को वाजे के इशारे पर एक सिम कार्ड प्रदान किया था। गोरे को गुजरात के एक व्यक्ति से कुल 14 सिम कार्ड मिले। शिंदे ने इनमें से कुछ सिम कार्ड शुरू किए और उन्हें अन्य सहयोगियों को दिया। शिंदे ने उसी सिम कार्ड का उपयोग करके मनसुख को मौके पर बुलाया था। पता चला कि उन्होंने कुछ सिम कार्ड और फोन नष्ट कर दिए थे। 21 मार्च को यह स्पष्ट हो गया कि दोनों शामिल थे। पता चला है कि सिम कार्ड गुजरात की एक कंपनी के नाम से खरीदा गया था।

जानकारी के मुताबिक, मनसुख हिरेन हत्याकांड में दीव दमन से जब्त एक वोल्वो कार को सचिन वाजे ने 4 मार्च को किसी काम के लिए जब्त किया था। एटीएस को शक है कि मनसुख की मौत उसी वाहन में हुई थी। एटीएस के सूत्रों ने कहा कि आगे की जांच चल रही है। एटीएस द्वारा जब्त वाहन दमन के अभिषेक अग्रवाल का है। वह साइकिल बेचने के व्यवसाय है। वाजे भी इस व्यवसाय में भागीदार है। पता चला है कि वाजे ने 4 मार्च को काम के लिए वाहन लिया था। उसकी दिन नकली सिम कार्ड के जरिए मनसुख को तावड़े के नाम से फ़ोन कर बुलाया गया था। अब एटीएस को संदेह है कि मनसुख उसी वाहन में मारा गया था। फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से आगे की जांच चल रही है।